ऐसी है जानकारी
गौरतलब है कि दिलीप कुमार इस साल अप्रैल में खराब स्वास्थ्य की वजह से राष्ट्रपति भवन में आयोजन समारोह में हिस्सा नहीं ले सके थे। हालांकि अभी उनकी हालत में कुछ सुधार जरूर हुए हैं, लेकिन कहीं जाने लायक स्थिति अभी भी पूरी तरह से नहीं बन सकी है। 1991 में उन्हें पद्म भूषण और 1994 में दादा साहब फालके पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
ऐसा रहा सफर
याद दिलाते चलें कि बॉलीवुड में ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का जन्म पेशावर के किस्सा खवानी बाजार में पठान फल व्यापारी गुलाम सरवर के घर 11 दिसंबर, 1922 को हुआ। उनके माता-पिता ने उनका नाम मोहम्मद युसूफ रखा, लेकिन रुपहले पर्दे पर वह दिलीप कुमार के नाम से मशहूर हुए।
मौके पर हुए भावुक
पद्म विभूषण लेते समय ट्रेजडी किंग अचानक से भावुक हो गए। हिन्दी सिनेमा में इनका करीब छह दशक लंबा कॅरियर रहा है। लगभग हर तरह के किरदार में नजर आ चुके दिलीप कुमार आज भी अपने जवां किरदारों को लेकर बखूबी जाने जाते हैं।
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