न्यूयॉर्क (एएनआई)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देकर उनके देश ने बड़ी भूल की थी। इमरान खान संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका आए हुए हैं। इमरान ने कहा, '9/11 के बाद अमेरिका के साथ जाना पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है। इसमें 70 हजार पाकिस्तानियों की मौत हुई। कुछ अर्थशास्त्री कहते हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को 150-200 अरब का नुकसान हुआ। इतने के बाद भी, अफगानिस्तान में अमेरिका के सफल नहीं होने के लिए हमें दोषी ठहराया जाता है।'इमरान ने पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के बयान के बारे में पूछे जाने पर ये बातें कही। मैटिस ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश करार दिया था।

पाक सरकार नहीं करना चाहिए था ऐसा

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि 1980 के आस-पास अमेरिका ने जिन समूहों को सोवियत संघ से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था, उसे ही 9/11 हमले के बाद आतंकी ठहरा दिया। हमें तटस्थ रहना चाहिए था। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को ऐसा संकल्प नहीं लेना चाहिए था, जिसे वह पूरा नहीं कर सकती थी। उग्रवादी समूह पाकिस्तानी सेना के करीब थे और वही सेना अब उन्हें मारने का प्रयास कर रही है। खान ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने मुजाहिदीन नेताओं को अमेरिका बुलाया था।

पाक में कैसे रह रहा था लादेन

इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह भी स्वीकार किया कि उनके देश की सेना और जासूसी एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने अलकायदा और अन्य आतंकवादी समूहों को अफगानिस्तान में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) थिंक टैंक न्यूयॉर्क में सोमवार को हुए एक कार्यक्रम में इमरान खान से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने इस बात की जांच कराई थी कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में कैसे रह रहा था। इसपर जवाब देते हुए इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान में लड़ रहे अल कायदा और अन्य सभी आतंकी समूहों के संबंध पाकिस्तानी सेना व आईएसआई से रहे हैं क्योंकि दोनों ने ही इन्हें प्रशिक्षित किया था।

इमरान खान ने जिहादियाें को कश्मीर से दूर रहने को कहा

पाक सेना को नहीं थी लादेन के बारे में भनक

खान ने कहा कि 9/11 हमले के बाद जब हमने इन आतंकी संगठनों से पीछा छुड़ाना शुरू किया तो उनके देश में कोई भी इस फैसले से सहमत नहीं था। पाकिस्तानी आर्मी भी ऐसा नहीं चाहती थी। इसी के चलते पाकिस्तान को भी आतंकी हमलों का शिकार होना पड़ा। इसके अलावा इमरान ने लादेन के एबटाबाद में छिपकर रहने को लेकर तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख और आईएसआई चीफ का बचाव भी किया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना को इस बात की भनक नहीं थी कि लादेन एबटाबाद में रह रहा है।

International News inextlive from World News Desk