जम्मू करश्मीर में 2 महीने से

हाल ही में ऊधमपुर में बीएसएफ की गाड़ी पर आतंकी हमले के बाद भारत के हाथ एक जिंदा आतंकी लग गया है। इस समय एनआईए की गिरफ्त में नावेद से लगातार पूछतांछ की जा रही है। ऐसे में नावेद ने खुद इस बात को कबूल किया है वह यहां पर हिंदुओं को मारने आया था। इसके अलावा हाल ही में गुरुदासपुर में हुए हमले में भी वह शामिल था। नावेद ने एनआईए की टीम को बताया कि वह यहां जम्मू करश्मीर में करीब 2 महीने से है लेकिन वह यहां के जवानों की नजर से बचता रहा। उसने इस दौरान कश्मीर की घाटियों में जमकर मस्ती भी की। इस दौरान वह लगातार पाक से संपर्क में रहा। इसके साथ ही उसने अपने पाकिस्तान के बारे में कई सारी बातें कबूली हैं। पाक फैसलाबाद में रफीक कॉलोनी की गली नं.- 3 में रहने वाला आतंकी नावेद 18 महीने पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुडा था। उसका कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जफरभाई से मिलने के बाद उसे एके-47 चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी।

साथी ने ड्रग्स का सेवन किया

इतना ही नहीं इस दौरान उसने यह भी बताया कि जून 2015 को बारामूला के पास से चार आतंकी कश्मीर में प्रवेश कर गए थे। नावेद का कहना है कि बीएसएफ जवानों पर हमला करने से पहले उसने और आतंकी साथी ने ड्रग्स का सेवन किया था। इसके साथ ही वह लगातार राज पर राज उगलता जा रहा है। पूछतांछ में उसने अपनी पढाई के बारे में भी बताया। नावेद के मुताबिक वह 5वीं तक ही पढ़ा है। सूत्रों की मानें तो वहीं पकड़े गए आतंकी नावेद के पाक निवासी पिता मोहम्मद याकूब का कहना है कि अब उनकी जान को खतरा है। भारत में नावेद के पकड़े जाने से पाक के फौजी और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी उसका जीना हराम कर देंगे। ये दोनों ही लगातार उसे धमका रहे हैं।

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