- सिर में चोट लगने पर परिजन ले गए थे केजीएमयू

- मेडिकल कॉलेज में नहीं उपलब्ध हो सके थे न्यूरो सर्जन

GORAKHPUR: ऑपरेशन के पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट के इंतजार में एक युवक की जान चली गई। युवक के सिर पर मनबढ़ों ने रॉड से हमला कर दिया था। मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवक को डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया था। केजीएमयू में कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में 15 घंटे तक युवक का ऑपरेशन नहीं हो सका जिससे उसकी मौत हो गई। युवक के भाई ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर ऐसे पेशेंट्स के लिए बिना किसी जांच के ऑपरेशन की सुविधा दिलाने की मांग की है।

मेडिकल कॉलेज में नहीं मिले न्यूरो सर्जन

राजघाट एरिया के चकरा निवासी प्रदीप के भाई सामंत पर मनबढ़ों ने हमला कर दिया था। सिर पर रॉड से किए गए हमले में गंभीर सामंत को परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जन नहीं थे इसलिए डॉक्टरों ने सामंत को लखनऊ रेफर कर दिया। लेकिन कोरोना की जांच के अभाव में सामंत का ऑपरेशन नहीं हो सका। रिपोर्ट के इंतजार में 15 घंटे गुजर गए। प्रदीप ने कहा कि इस तरह के मरीजों के तत्काल उपचार का इंतजाम किया जाना चाहिए। प्रदीप ने सीएम को पत्र भेजकर नई व्यवस्था बनाने की मांग उठाई है। घटना में शामिल आरोपियों को अरेस्ट करके पुलिस जेल भेज चुकी है।

सिर में चोट से बिगड़ गई थी हालत

राजघाट इलाके के चकरा गांव के प्रदीप के मुताबिक 20 मई को मारपीट में उनके भाई सामंत कुमार के सिर पर चोट आई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपितों को जेल भी भेजा। भाई को इलाज के लिए जिला अस्पताल फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 20 मई की सुबह दस बजे मेडिकल कॉलेज से रेफर कर दिया गया। बताया गया कि न्यूरो सर्जन ना होने की वजह से ऑपरेशन नहीं हो सकता है। फिर भाई को लेकर लखनऊ के लिए निकले और शाम 6:30 बजे केजीएमयू में भर्ती कराया गया। जहां कोरोना जांच हुई लेकिन रिपोर्ट न आने की वजह से डॉक्टरों ने ऑपरेशन से मना कर दिया। फिर अगले दिन सुबह दस बजे तबीयत बिगड़ने लगी और 11 बजे के करीब मौत हो गई। इस सब प्रक्रिया में 15 घंटे का समय लग गया। उन्होंने पत्र के जरिए गंभीर मरीजों के तत्काल उपचार की मांग की है।