प्रतियोगी पिता-पुत्रों की जुगलबंदी

- 48 वें बसंत में मिली पिता को सम्मिलित अवर अधिनस्थ सेवा परीक्षा में सफलता

- बेटा कर रहा पीसीएस परीक्षा की तैयारी

ALLAHABAD: सफलता कभी उम्र की मोहताज नहीं होती, अगर सच्ची लगन और मेहनत से प्रयास किया जाए, तो कोई भी राह मुश्किल हासिल करना नामुमकिन नहीं होता। कुछ ऐसी इच्छा शक्ति के मालिक विजय बहादुर भी हैं। जिन्होंने अपना ब्8 वें बसंत पूरा करने से पहले ही सम्मिलित अवर अधिनस्थ सेवा परीक्षा ख्009 में सफलता हासिल करके दिखाई। विजय के साथ उनके दो बेटे भी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलने की ललक रखते हैं। पिता व पुत्रों की जुगलबंदी ऐसी है कि पिता को सफलता मिलने के बाद बेटों के हौसलों को भी पंख लग गए। पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विजय के दोनों बेटे अब पूरी लगन के साथ अपने पिता के सपनों को साकार करने में जुटे हैं।

भारतीय सेना से शुरू की नौकरी

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, एलएलबी व परास्नातक करने के बाद विजय ने सिविल परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। क्989 में उन्होंने एमपी पीसीएस का मेंस क्वालिफाई किया था, लेकिन इंटरव्यू में सेलेक्शन नहीं हो सका। उसके बाद भी उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। क्990 में ही उन्होंने यूपी पीसीएस देने के साथ ही सेना में निकली भर्ती के लिए भी अप्लाई किया था। लेकिन यूपी पीसीएस में मेंस क्वालीफाई नहीं कर सके, इसी बीच उनका सेलेक्शन भारतीय सेना में हो गया। सेना में सूबेदार के पद पर रहते हुए सैन्य सेवा मेडल समेत शानदार सेवा के लिए कई पुरस्कार जीते। अपने क्9 साल की सेना में नौकरी के बाद विजय ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेने के बाद एटा जिले के श्री चेतराम सिंह इंटरमीडिएट कालेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर हो गए। लगातार दो सालों तक उन्होंने इंटर कालेज में अपनी सेवा दी। अपने दोनों बड़े बेटों आकाश यादव व प्रशांत यादव को सिविल परीक्षाओं की तैयारी करता देख एक बार फिर से विजय के अंदर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की अलख जाग उठी। उन्होंने फिर से इलाहाबाद में रह कर तैयारी शुरू कर दी और आखिर में उनका सेलेक्शन आबकारी निरीक्षक के पद पर हो गया। विजय बताते है कि आज भी उनके दिल में कसक है कि उनका सेलेक्शन पीसीएस में नहीं हो सका।

बेटों के सेलेक्शन में पूरा होगा सपना

विजय बहादुर के दोनों बड़े बेटे प्रशांत व आकाश पिछले कुछ सालों से सिविल परीक्षाओं की तैयारी करने में जुटे हुए हैं। विजय कहते है कि उनका सपना अब बेटों के सेलेक्शन के रूप में पूरा होगा। आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वे लगातार अपने बेटों को परीक्षाओं के लिए तैयारी करने में मदद करते है। जिससे उनका सपना पूरा हो सके। वे अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने फैमली मेंबर्स को देते है। वो कहते है कि उनके परिवार और दोस्तों के प्रोत्साहन के बदौलत ही उनका ये सपना साकार हो सका।