पेंटागन ने जताई चिंता

पेंटागन के प्रेस सचिव रियर एडिमिरल जॉन किर्बी ने कहा, ‘पाकिस्तान में कई आतंकी समूह लंबे समय से पनाह लिए हुए हैं जो हमारे लिए चिंता का विषय है. लंबे समय से यह हमारे पाकिस्तानी समकक्षों के साथ चर्चा का विषय बना हुआ है.’ गौरतलब है कि पेंटागन की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान को उसकी आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के लिए जरूरी सर्टिफिकेट नही दे पाई है. उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान को लश्कर-ए-तयैबा और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए यह सर्टिफिकेट देना चाहती थी.

विशेषज्ञों की भी जताई चिंता

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने को लेकर अमेरिकी रक्षा एक्सपर्ट्स की राय पेंटागन से मैच करती हुई दिखाई देती है. अमेरिकी रक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान ने भारत और अफगान विरोधी आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद नहीं किया है. इसके साथ ही कहा गया है कि आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा और क्वैटा शूरा का समर्थन बंद नहीं किया है. सालों तक आतंकवादियों को समर्थन देने के बाद अब पाकिस्तान को भी इस संकट का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इसके बावजूद अब तक पाक आर्मी ने अपना स्वभाव नहीं बदला है. विशेषज्ञों ने माना है कि पाकिस्तान द्वारा तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन वह आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए काफी नही हैं.

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