- पटना यूनिवर्सिटी पीजी कोर्स अपडेशन के लिए बना को-आर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी

- राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही लागू होगा कोर्स अपडेशन

PATNA : अब जल्द ही स्नातकोत्तर यानी पीजी लेवल की पढ़ाई आज के कम्पीटेटिव दौर के हिसाब से अपडेट हो जाएगा। इसके लिए वर्ष 2021 से पीजी का नया अपडेटेड सिलेबस लागू करने की तैयारी है। इसके लागू होने से स्टूडेंट्स जो पीजी करने के बाद नेट की एक नए सिरे से तैयारी करते थे, उसमें बहुत सहूलियत होगी। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। फिलहाल पटना यूनिवर्सिटी पूरे राज्य में पहला यूनिवर्सिटी बन गया है जिसने यूजीसी नेट के हिसाब से पीजी कोर्सेज का सिलेबस तैयार कर लिया है। सिर्फ यही नहीं, बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में विभिन्न विषयों में इसके मुताबिक किन-किन नए सुझावों को लिया जाए और उसे संबंधित विषय के सिलेबस में लागू किया जाए, इस बाबत राजभवन की ओर से पटना यूनिवर्सिटी एक को-आर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी बनाया गया है। जल्द ही बिहार के सभी यूनिवर्सिटी के सब्जेक्ट एक्सपर्ट या एचओडी इस संबंध में बैठक कर इसके प्रारुप को तैयार करेंगे।

सीबीसीएस में भी होगा

पीजी कोर्सेज में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लागू किया गया है। पटना यूनिवर्सिटी में भी यह लागू किया गया है। जबकि यूजीसी नेट के हिसाब से विषयों की पढ़ाई फिलहाल तय नहीं है। इसके कारण कई विषयों में स्टूडेंट्स को नए सिरे से तैयारी करने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए सीबीसीएस के अनुसार भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है।

बेसिक वही, 15 से 20 प्रतिशत तक चेंज

इस बारे में जानकारी देते हुए पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसआर पद्मदेव ने बताया कि नए सेलेबस में भी बेसिक तो वही रहेगा, जो अंतर आएगा वह अधिक से अधिक 15 से 20 प्रतिशत होगा। इसके लागू होने के बाद भी विषय की मौलिक जानकारी में अंतर नहीं होगा लेकिन ऐसी व्यवस्थाओं को लागू करना होगा जो आज के काम्पीटेटिव माहौल के अनुसार स्टूडेंट्स को तैयार होने में मदद करेगा।

तभी होगा सफल

यूजीसी नेट के अनुसार सिलेबस तय हो जाने के बाद पढ़ाई में क्या अंतर आ जाएगा? इस बारे में डॉ एसआर पद्मदेव ने बताया कि यह ठीक है कि नए जमाने के हिसाब से पीजी सब्जेक्ट की पढ़ाई हो। लेकिन यह तब सफल होगा जब शिक्षकों की भी पर्याप्त संख्या कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में हो। फिलहाल पटना यूनिवर्सिटी सहित अन्य तमाम स्टेट यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की बहुत कमी है। प्रदेश स्तर पर करीब आठ हजार शिक्षकों के पद रिक्त है।

वर्कशॉप में तय होगा प्रारुप

आखिर विभिन्न विषयों के लिए लागू होने वाली कोर्स अपडेशन की व्यवस्था लागू करने की क्या स्थिति है। इस बारे में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ एनके झा ने बताया कि फिलहाल पटना यूनिवर्सिटी ने इसके लिए पीजी कोर्सेज को अपडेट कर लिया है। लेकिन प्रदेश स्तर पर कोर्स के हर सब्जेक्ट अपडेशन के लिए वर्कशॉप में प्रारुप तय किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही राजभवन के आदेशानुसार वर्कशॉप का आयोजन पटना में किया जाएगा। यह दो दिनों का होगा। इसमें एक दिन सोशल साइंस और दूसरे दिन साइंस के सब्जेक्ट के लिए वर्कशॉप होगा। इसमें हर सब्जेक्ट के हेड या एक्सपर्ट का सुझाव लिया जाएगा।

अपडेशन से समस्या होगी दूर

फिलहाल अधिकांश विषयों में पीजी का सिलेबस इस प्रकार का है जो कि आज के समय के हिसाब से अपडेट नहीं है। इसमें यूजीसी नेट की परीक्षा में जिन बातों पर फोकस किया जाता है, वह समुचित रुप से नहीं होता है। इससे नेट की तैयारी संबंधित विषय के स्टूडेंट्स को नए सिरे से करना पड़ता था। कोर्स अपडेट होने के बाद इस समस्या का अंत हो जाएगा।

पीजी कोर्सेज के अपडेशन का काम यूजीसी नेट के अनुसार किया जा रहा है। इसे पूरे बिहार में लागू करने के लिए पटना यूनिवर्सिटी को को-आर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी बनाया गया है। जल्द ही इसकी बैठक में यह अपडेट कर राजभवन के पास स्वीकृत होने जाएगा।

- डॉ एनके झा, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, पीयू