सफलता प्राप्त करो

इस दौरान उन्होंने बच्चों को सचिन तेंदुलकर का संदेश दिया। अपने संदेश में सचिन तेंदुलकर ने कहा 'परीक्षा के वक्त में सब आपसे पढ़ाई के बारे में पूछेंगे लेकिन इनसे प्रभावित हुए बिना अपना लक्ष्य बनाकर मेहनत करें। उन्होंने कहा कि मैं जब क्रिकेट खेलता था तब मुझसे भी लोगों की कई उम्मीदें थीं और मेरे लिए सब पर खरा उतरना कठीन था। इसके बाद मैंने खुद के लक्ष्य बनाए और उन्हें प्राप्त करने की कोशिश करने लगा। मैं सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ा और आप भी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ों और सफलता प्राप्त करो। परीक्षा की शुभकामनाएं'सचिन का संदेश समाप्त होने के बाद पीएम ने कहा कि बच्चों उम्मीद है आपको सचिन तेंदुलकर के संदेश से प्रेरणा मिली होगी।

अच्छी गहरी नींद लें

सफलता के लिए दूसरों से प्रतियोगिता करने के बजाय खुद से प्रतियोगिता करें। परीक्षा को अंकों का खेल मत मानों, अपने जीवन को महान उद्देश्य के साथ जोड़ना चाहिए।खुद को परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए पीएम ने बच्चों को बताया कि खुद को परीक्षा के दौरान स्वस्थ्य रखें। अच्छी नींद और तनावमुक्त पढ़ाई करें। अपने लिए अनुशासन बनाएं और उसक पालन करें। इसके बाद पीएम ने शतरंज के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद का संदेश सुनाया। अपने संदेश में उन्होंने कहा 'सबसे पहले परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं। मैं अपने परीक्षा के दिनों को याद करते हुए कहता हूं अच्छी नींद लें। मैं यह कहना चाहूंगा कि कभी भी खाली पेट परीक्षा देने नहीं जाएं। अतिआत्मविश्वास ठीक नहीं है लेकिन आत्मविश्वास को खोने नहीं दें। मैं सभी बच्चों को कहना चाहूंगा कि मन को शांत रखें और परीक्षा हॉल में बिल्कुल भी नर्वस न हों।'

मुरारी बाबू का संदेश

इसके बाद पीएम ने कहा कि परीक्षा के दिनों में खुद का मन शांत रखने की कोशिश करें। अगर कोई बात याद आए तो गहरी सांस लेकर खुद का शांत करने की कोशिश करें। एक उदाहरण देते हुए कहा कि पानी भले ही गहरा हो लेकिन अगर ठहरा हुआ होता है तो हम पानी की गहराई में मौजूद चीजों को देख पाते हैं लेकिन अगर उसमें पत्थर मार दिया जाए तो हम कुछ नहीं देख पाते। इसी तरह अापका मन है जिसमें ढेरों चीजें जो सालभर पढ़ी थीं वो भरी हेैं मन शांत रहेगा तो आप सब अच्छा कर पाएंगे। इसके बाद उन्होंने धार्मिक गुरु मुरारी बापू का संदेश सुनाया। मुरारी बापू ने अपने संदेश में कहा कि नमस्कार! मेरा नाम मुरारी बापू है। विद्यार्थी भाई-बहनों से मेरा कहना है कि परीक्षा के समय मन पर कोई भी बोझ न रखें। जो हो गया सो हो गया। अपने चित को एकाग्र करके परीक्षा में बैठिये। इसके बाद पीएम ने कहा कि योग से मन को एकाग्र रखा जा सकता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी आदत है कि परीक्षा में जाने की जल्दबाजी करते हैं। अगर हम समय का सही मैनजमेंट करें तो हमे जल्दबाजी नहीं करना पड़ेगी।

चिंता बिल्कुल न करें

पीएम ने मन की बात में प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. सीएनआर राव का संदेश सुनाया। अपने संदेश में उन्होंने कहा, 'मैं अच्छी तरह समझता हूं कि परीक्षा के दौरान बहुत घबराहट होती है। खासतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान बच्चे चिंतित रहते हैं। चिंता नहीं करें, अपना सर्वश्रेष्ठ दें। आपको दृढ़ निश्चय की जरूरत है।'अपनी बात आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने बच्चों को कई महान लोगों जिनमें थॉमस अल्वा एडिसन, जेके रोवलिंग आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें सफलात प्राप्त करने में लंबे समय तक संघर्ष् किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा सिर्फ बच्चों की नहीं, उनके माता-पिता, स्कूल की भी होती है। बच्चों पर बहुत अधिक दबाव न बनाएं उन्हें अपने अनुसार जाने दें।पीएम ने नेशनल साइंस डे की भी जानकारी दी साथ ही परीक्षा के लिए शुभकामनएं देते हुए कहा कि कल बजट है और मेरी भी परीक्षा है। उम्मीद है हम सब सफल होंगे।

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