कानपुर। जम्मू-कश्मीर की समस्या को लेकर पेश हुए विधेयक पर बड़े नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपनी एक ट्वीट में इसे लेकर कहा, 'आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य में गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकी बनाना चाहते हैं। भारत सरकार की अनुच्छेद 370 को खत्म करने का निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है।'


लोगों के साथ सरकार ने किया धोखा  

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्लाह ने अपने बयान में कहा, 'भारत सरकार के इस एकतरफा और चौंकाने वाले फैसले ने राज्य के लोगों के उस विश्वास के साथ धोखा किया है जिसके साथ वह 1947 में भारत के साथ आए थे। इस फैसले के बेहद गंभीर परिणाम होंगे। यह घोषणा उस समय हुई है, जब पूरी कश्मीर घाटी एक आर्मी के कैंप के रूप में तब्दील हो चुकी है। केंद्र का फैसला एकतरफा, अवैध और असंवैधानिक है और नैशनल कॉन्फ्रेंस इसे चुनौती देगी।'



Jammu & Kashmir Crisis Live Updates : अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य पुनर्गठन प्रस्ताव राज्यसभा में पेश, चर्चा जारी

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प

बता दें कि भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू और कश्मीर राज्य के विभाजन का प्रस्ताव पेश किया इसके तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांटा जाएगा। चंडीगढ़ की ही तरह लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी वहीं दूसरे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर में दिल्ली व पुदुचेरी की तरह विधानसभा होगी। इसके अलावा राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प व जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक भी पेश किया गया है।

 

 

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