-ट्रेनों व बसों से आने वाले वर्कर्स को भेजा जा रहा शेल्टर होम

बरेली- एक बार फिर से माइग्रेंट वर्कर्स के घर वापस आने से कई जिलों में कोरोना के केस फिर से आने शुरू हो गए हैं। बरेली में भी माइग्रेंट वर्कर्स ट्रेन, बस या फिर पैदल आ रहे हैं। बरेली दोबारा कोरोना फ्री हो चुका है, जिसके चलते प्रशासन नहीं चाहता कि फिर से कोई पॉजिटिव केस आए। यही वजह है कि अब माइग्रेंट वर्कर्स की पूल टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। माइग्रेंट वर्कर्स की पहले थर्मल गन से स्क्रीनिंग की जा रही है और फिर उन्हें शेल्टर होम में ठहराया जा रहा है। शेल्टर होम में पूल टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर भेज दिया जा रहा है।

समय से पहले आ गई ट्रेन

राजस्थान के जालोर से माइग्रेंट वर्कर्स से भरी ट्रेन रेलवे जंक्शन पर समय से पहले ही पहुंच गई। जंक्शन पर डॉक्टर्स के न होने के चलते ट्रेन को आउटर पर ही रोकना पड़ा। जब टीमें पहुंच गई तो सिर्फ बरेली के वर्कर्स का कोच ओपन कर नीचे उतारा गया। बरेली मंडल के 762 वर्कर्स को जंक्शन पर आना था लेकिन सिर्फ 697 वर्कर्स ही पहुंचे, जिसमें बरेली के 140 वर्कर्स थे। सदर तहसील के 41 वर्कर्स आए, जिन्हें परसाखेड़ा स्थित शेल्टर होम में ठहराया गया है। एसडीएम सदर ज्वाइंट कमिश्नर ईशान प्रताप ने बताया कि शेल्टर होम में आए माइग्रेंट वर्कर्स का पूल टेस्ट कराया जाएगा और फिर उन्हें घर भेज दिया जाएगा।

नहीं लिया गया किराया

इससे पहले जंक्शन पर गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान से 8 ट्रेनें आ चुकी हैं। ट्रेन में आए वर्कर्स के पास टिकट थी लेकिन उन्होंने किराया लेने की बात से इनकार कर दिया। इससे पहले कुछ ट्रेनों में आए वर्कर्स ने ठेकेदारों द्वारा किराया वसूलने और ट्रेन के अंदर रेलवे कर्मचारी बनकर वसूली के आरोप लगाए थे। वेडनसडे रात डेढ़ बजे भी गोरखपुर को जा रही ट्रेन से 26 माइग्रेंट वर्कर्स को बरेली में उतारा गया था।