नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच देश में NEET और जेईई JEE की परीक्षा कराए जाने को लेकर तमाम स्टूडेंट व पैरेंट्स विरोध कर रहे हैं। इसके साथ राजनीतिक गलियों में भी सियात गर्माती जा रही है। इस क्र में बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने जुबानी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश में जमीनी हालात के लिए अपनी आंखें बंद कर ली हैं और 28 लाख छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए मजबूर किया है। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को NEET और JEE परीक्षा स्थगित करनी चाहिए या उन्हें परीक्षा आयोजित करने का एक वैकल्पिक तरीका खोजना चाहिए।


बच्चों के लिए बहुत बड़ा खतरा है
दुनिया भर में परीक्षा प्रणाली विकसित हो रही है, परीक्षा आयोजित करने के लिए 1,000 वैकल्पिक तरीके हैं। इतना ही नहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जबरदस्ती एग्जाम करना बच्चों के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है। वह भी तब जब देश में केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक संक्रमित हो चुके हैं। अच्छी व्यवस्थाओं में रहने वाले और भी कई सेलिब्रेटी इसकी चपेट में आ चुके है।
JEE एग्जाम 1 से 6 सितंबर तक
इससे पहले, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने घोषणा की कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) (मुख्य) 1 से 6 सितंबर तक और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) (UG) 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी। देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में 67,151 नए मामले सामने आने से कुल कोरोना वायरस की संख्या 32,34,475 तक पहुंच गई है। वहीं 1,059 मौतों के साथ देश में मृतकाें का आंकड़ा 59,449 हो गया है।

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