नई दिल्ली (एएनआई)। देश में आज स्वामी विवेकानंद की 158 वीं जयंती मनाई जा रही है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विवेकानंद जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, मेरी जयंती पर स्वामी विवेकानंद को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। संपूर्ण मानवता के लिए एक प्रेरणा, विशेष रूप से युवाओं के लिए, उन्होंने भारत की आध्यात्मिक विरासत को पुनर्जीवित किया और इसे वैश्विक क्षेत्र में केंद्र स्तर पर लाएं।। उनकी शिक्षाएं हम सभी को प्रेरित करती रहती हैं।
My humble tributes to Swami Vivekananda on his birth anniversary. An inspiration for entire humanity, for the youth in particular, he revitalized India's spiritual heritage and brought it centrestage at the global arena. His teachings continue to inspire all of us.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 12, 2021
पीएम माेदी ने किया नमन
वहीं एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप का एक लिंक शेयर किया और कहा, यह विवेकानंद जयंती, NaMo ऐप पर एक रचनात्मक प्रयास है जो आपको अपने विचार और एक व्यक्तिगत संदेश साझा करने देता है। आइए हम स्वामी विवेकानंद के गतिशील विचारों और आदर्शों को दूर-दूर तक फैलाएं! पर्सनल डिजिटल ग्रीटिंग कार्ड में, पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद का एक उद्धरण साझा किया। मुझे अपने देश में और विशेष रूप से अपने देश के युवाओं में विश्वास है। इसके अलावा देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस खास अवसर पर स्वामी विवेकानंद को याद किया।
स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2021
This Vivekananda Jayanti, there&यs a creative effort on the NaMo App that lets you share his thoughts and a personalised message.
Let us spread Swami Vivekananda&यs dynamic thoughts and ideals far and wide! https://t.co/lMjQwqH0M2 pic.twitter.com/Nh4ZVtn3k7
विवेकानंद की 158 वीं जयंती
भारत के सबसे महान आध्यात्मिक नेताओं में से एक स्वामी विवेकानंद की 158 वीं जयंती पर राष्ट्र उनका अवलोकन कर रहा है। स्वामी विवेकानंद ने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन पश्चिमी जगत के लिए पेश किए थे। स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने प्रसिद्ध भाषण के बाद पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हो गए। वह 19 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी रामकृष्ण मठ के संस्थापक और रामकृष्ण मिशन के मुख्य शिष्य भी थे। उन्हें भारत में हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और 19 वीं शताब्दी के अंत में इसे प्रमुख विश्व धर्म के दर्जे में लाने के लिए एक बड़ी ताकत माना जाता था।
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