देहरादून: नए सत्र से एनसीईआरटी बुक्स को अनिवार्य रूप से लागू करने के फैसले के बावजूद प्राइवेट स्कूलों ने मनमानी शुरू कर दी है। पैरेंट्स को एनसीईआरटी के अलावा भी दूसरी बुक्स खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है, बाकायदा उन्हें बुक्स की पर्चियां थमा दी गई हैं। इससे पैरेंट्स की मुश्किल कम नहीं हुई हैं। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की इस मनमानी पर सरकार अगर लगाम लगा पाई तो जो किताबें पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए खरीद चुके होंगे, वो पैसा उन्हें वापस नहीं होगा और अगर सरकार मनमानी पर लगाम नहीं लगा पाई तो सरकारी फैसले पर सवाल खड़े होंगे।


पर्ची का खेल

राज्य सरकार के एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने के फैसले के बाद स्कूलों की पर्ची के इस खेल की दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पड़ताल की। ऐसी कुछ पर्चियां हासिल हुईं जिनमें एनसीईआरटी के अलावा दूसरे पब्लिकेशन की बुक्स भी पैरेंट्स को खरीदने को कहा जा रहा है। कुछ पैरेंट्स ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से ही किताबें खरीदने को कहा जा रहा है। ऐसे में पैरेंट्स की दिक्कतें और बढ़ गई हैं, एक ही दुकान से किताबें खरीदने के लिए मजबूर किए जाने के चलते बुक स्टॉल पर भारी भीड़ जुट रही है और पैरेंट्स को कई घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। बच्चे के भविष्य का सवाल होने की वजह से पैरेंट्स खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं।

 

पशोपेश में पैरेंट्स

एक तरफ स्कूल का फरमान दूसरी तरफ सरकार का आदेश। पैरेंट्स दोनों तरफ से पशोपेश में है। दरअसल सरकार हर हाल में एनसीईआरटी की किताबें लागू कराने के मूड में है। जबकि स्कूल अपने हिसाब से पैरेंट्स को बुक्स खरीदने के लिए कह चुके हैं। 2 अप्रैल से नया सत्र शुरू हो जाएगा। इससे पहले पैरेंट्स को बुक्स खरीदनी हैं। जबकि पीपीएसए की अपील पर कोर्ट 28 मार्च को सुनवाई करेगा। ऐसे में अगर पैरेंट्स इन बुक्स को खरीद लेते हैं और फैसला सरकार के पक्ष में आए तो फिर इन किताबों का क्या होगा। इधर पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही फैसला लिया जाएगा।

 

सीईओ का घेराव

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और एनसीईआरटी की किताबों को लागू न करने के फैसले के खिलाफ नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने ट्यूजडे को सीईओ एसबी जोशी का घेराव किया। पैरेंट्स एसोसिएशन ने सीईओ से उन स्कूलों के नाम के साथ कम्पलेन की जो एनसीईआरटी की किताबों को लागू नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्ची पकड़ाकर एक ही दुकान से किताब लेने का आरोप भी लगाया है। पैरेंट्स ने सीईओ से फीस बढ़ाने की भी कम्पलेन की है। इधर सी‌ई्रओ ने पैरेंट्स एसोसिएशन की कम्पलेन पर सीईओ ने स्कूलों को कड़ी चेतावनी देते हुए कार्रवाई की बात की। सीईओ ने खंड विकास अधिकारी रायपुर को टीम बनाकर स्कूलों की चेकिंग और एनसीईआरटी की किताबों को लागू करवाने के निर्देश दिए हैं।

 

इन स्कूलों की कम्पलेन -

दिल्ली पब्लिक स्कूल

 

सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल

 

आर्मी पब्लिक स्कूल

 

सेंट जोसफ एकेडमी

 

अविरल पब्लिक स्कूल

 

जॉर्ज स्कूल

 

ग्रीन लॉन एकेडमी

 

दून वैली पब्लिक एकेडमी


प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जोरों पर है। राज्य सरकार की सख्ताई के बाद भी प्राइवेट स्कूल एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं कर रहे हैं। हम स्कूलों की मनमानी नहीं चलने देंगे।

आरिफ खान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एनएएफपीएएसआर

 

मैनें स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के निर्देश दिए हैं। रायपुर खंड विकास अधिकारी मामले में टीम बनाकर चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

एसबी जोशी, सीईओ