आगरा। डॉ। भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी की गिरी हुई साख को वापस लाने का काम करूंगा। पहले समस्याओं के बारे में पता करूंगा, फिर उनका समाधान करूंगा। मैंने आते ही सभी को यह मैसेज भी दे दिया है कि सभी को भयमुक्त होकर काम करना हैं। यह कहना था नवागत कुलपति प्रो। अशोक मित्तल का। वेडनेसडे दोपहर तीन बजे उन्होंने चार्ज संभाला और प्रेस कांफ्रेंस की। प्रो। मित्तल ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी का नाम लेने में भी लोग घबराते हैं। इस विवि की साख को दोबारा वापस लाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे।

परीक्षाएं होंगी नकलविहीन

कुलपति ने यह भी कहा कि इस समय उनकी सबसे पहली प्राथमिकता परीक्षाएं नकलविहीन और भयमुक्त कराना रहेगी। उन्होंने कहा कि मेरा जन्म यहीं हुआ है। मैं यहीं पढ़ा हूं, इसलिए मुझ पर आगरा का कर्ज भी है। आगरा के कर्ज को मैं चुकाने आया हूं। उन्होंने कहा कि गलत काम करने वालों पर कार्यवाही की जाएगी।

आगरा में पढ़े भी नौकरी भी की

प्रो। अशोक मित्तल ने बताया कि वर्ष 1971 में एमडी जैन से उन्होंने इंटर किया। इसके बाद सेंट जॉन्स कॉलेज से बीएससी की। बीएससी में वे सेंट जॉन्स कॉलेज में टॉपर थे। आगरा विवि में उनकी 16वीं रैंक आई थी। एमए भी सेंट जॉन्स कॉलेज से ही किया। एमए का रिजल्ट आते ही तत्कालीन प्राचार्य डॉ। अटारिया ने उन्हें यहां अतिथि प्रवक्ता के रूप में रख लिया। 9 फरवरी 1976 को अलीगढ़ में वाष्र्णेय कॉलेज में चले गए। यहां 12 वर्ष सेवाएं दी। फिर 1988 में एएमयू में उनका रीडर पद पर चयन हो गया। इसके बाद डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में कुलपति का चार्ज संभालने का मौका मिला है।