लखनऊ (एएनआई)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कल्याण सिंह ने राम मंदिर से जुड़ी कुछ खास यादें ताजा की हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि उन्हें अपने उस फैसले पर आज भी गर्व है कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 1992 में अयोध्या में लाखों की संख्या में इकट्ठे हुए कारसेवकों को फायरिंग के जरिए हटाने का ऑर्डर देने से इंकार कर दिया था।

तीन लाख कारसेवकों पर फायरिंग नहीं होनी चाहिए

कल्याण सिंह ने एएनआई से बातचीत में बताया कि अयोध्या जिला प्रशासन ने मुझे लिखा था कि कारसेवकों की वजह से केंद्रीय बलों की चार बटालियनें साकेत कॉलेज के पास फंसी ऐसे में उन्हें कैसे हटाया जाए। अयोध्या में बने गंभीर हालातों को देखते हुए मैंने लिखित में आदेश दिया था कि तीन लाख कारसेवकों पर फायरिंग बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई और उपाय किया जाना चाहिए क्योंकि अगर गोलीबारी होती तो कई लोगों की जान चली जाएगी। जान लेने का अधिकार किसी को नहीं है। वहीं इससे राज्य और देश में भारी अशांति फैल जाएगी।

सरकार गिरने का मुझे इस बात का पछतावा नहीं है

कल्याण सिंह ने आगे कहा मुझे गर्व है कि उस दौरान कोई कार सेवक नहीं मारा गया। साथ ही कहा कि मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं है कि इस मामले में मेरी सरकार गिर गई। मुझे भगवान श्री राम पर अटूट विश्वास है। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को आयोजित किया जाने वाला है। यह मेरे लिए बहुत गर्व और खुशी का अवसर है। उन्होंने कहा राम मंदिर के लिए एक दो साल नहीं बल्कि 500 वर्षों तक संघर्ष जारी रहा। उसी संघर्ष की वजह से आज राम मंदिर बनने जा रहा है।

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