चंडीगढ़ (आईएएनएस)। पंजाब पुलिस ने एक हफ्ते से भी कम समय में तरनतारन में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले के मामले को सुलझा लिया है। इसमें एक फाॅरेन कंट्रोल टेररिस्ट मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को यहां पंजाब पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में दो किशोरों की गिरफ्तारी के अलावा मॉड्यूल के बाकी चार सदस्यों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नंबरदार (18), गुरलाल सिंह उर्फ गहला (19), सुरलालपाल सिंह उर्फ गुरलाल उर्फ लाली (21) और जोबनप्रीत सिंह उर्फ जोबन (18) के रूप में हुई है।

तकनीकी और खुफिया सूचनाओं के आधार पर जांच

पुलिस टीमों ने गिरफ्तार व्यक्तियों के कब्जे से तीन पिस्तौल - दो 32 बोर और एक 30 बोर के साथ गोला-बारूद, एक हथगोला पी-86 और अपराध में इस्तेमाल एक मोटरसाइकिल भी बरामद किया है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि तरनतारन पुलिस ने पंजाब पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग के साथ मिलकर तकनीकी और खुफिया सूचनाओं के आधार पर जांच की है।

गोपी नंबरदार और गुरलाल को गिरफ्तार किया गया

जांच का नेतृत्व एसएसपी तरनतारन गुरमीत चौहान और उनकी टीम ने किया। उन्होंने खुलासा किया कि हमला गोपी नंबरदार और गुरलाल गहला की करतूत थी, जो सीधे लंदा हरिके और सट्टा नौशेहरा के संपर्क में थे। गोपी नंबरदार और गुरलाल को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा उनके कब्जे से एक 32 पिस्टल के साथ 15 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

10 दिसंबर को पुलिस सांझा केंद्र में हुआ था हमला

बता दें कि बीते 10 दिसंबर को पंजाब के तरनतारन पुलिस सांझा केंद्र में रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हमला किया गया था। इसकी जिम्मेदारी अब एसएफजे ने ली थी। हमले के वक्त थानाध्यक्ष प्रकाश सिंह समेत आठ लोग मौजूद थे। एंट्री गेट के अलावा थाने की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे। सात महीने में राज्य के एक पुलिस स्टेशन पर यह दूसरा आरपीजी हमला था।

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