उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल भी नहीं। मेरा पूरा ध्यान भारत ‘ए’ और अंडर-19 टीमों को लेकर मिली (कोच) जिम्मेदारी पर है। मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के बारे में नहीं सोच रहा।’ दिग्गज क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सलाहकार समिति के सुझाव पर बीसीसीआइ ने द्रविड़ को भारत ‘ए’ और अंडर-19 टीमों का कोच नियुक्त किया गया है।

यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए द्रविड़ ने कहा कि रवि शास्त्री और उनकी टीम भारत के लिए बहुत बढिय़ा काम कर रही है। भारत ‘ए’ और अंडर-19 टीमों का हिस्सा बनना किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैं बहुत खुश हूं कि मुझे कोच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भविष्य में दो-तीन सीरीज खेली जानी है, जिसमें मुझे युवा खिलाडिय़ों के साथ अपने अनुभव साझा करने का मौका मिलेगा।

पहले ही साफ कर चुके हैं अपने इरादे

वैसे ऐसा नहीं है कि राहुल ये बात पहली बार कही हो वे इंडिया-'ए' और अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच के तौर पर नियुक्त किए जाने के समय भी अपने विचार सबको बता चुके थे। उस समय भी द्रविड़ ने कहा था कि उन्हें हमेशा युवाओं को तराशने में दिलचस्पी थी और अब जब उनके हाथ में ये काम सौंपा गया है तो वो अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। उन्होंने स्पष्ट  कहा था कि ये सीनियर टीम का कोच बनने की तरफ कोई सीढ़ी नहीं है। वो बस फिलहाल इन युवा क्रिकटरों को ज्यादा से ज्यादा सिखाना चाहते हैं और उनको बेहतर बनाना चाहते हैं।

द्रविड़ ने कहा था कि उन्हें लगता है कि ये बहुत रोमांचक है क्योंकि ये वो क्षेत्र है जिसमें हमेशा उनकी दिलचस्पी रही है। उनके हिसाब से कि ज्यादातर क्रिकेटरों के लिए यही (अंडर19, इंडिया-'ए') सही समय होता है सीखने के लिए। वे भी इससे गुजर चुके हैं। उनका मानना था कि अंडर-19 और इंडिया-'ए' के दौरों पर वे इन युवा क्रिकेटरों को काफी कुछ सिखाने में सफल रहेंगे।

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