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PATNA : आरपीएफ के एक अधिकारी के लड़के को दिल्ली जाना था। उन्होंने अपने स्टाफ को पटना जंक्शन से टिकट लेने के लिए कहा। स्टाफ तत्काल टिकट लेने के लिए लाइन में लगा रहा। वह दूसरे नंबर पर था। दस बजे जैसे ही काउंटर खुला और उसकी बारी आई, टिकट वेटिंग में चला गया। ऐसी घटना सिर्फ अधिकारी के साथ नहीं, अपितु अधिकतर लोगों के साथ आए दिन घटती है। पटना से देश के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, नासिक, बेंगलूरू आदि का रेलवे काउंटर से टिकट मिलना एक जंग जीतने के जैसा है। आखिरकार उन्हें हारकर टिकट एजेंट के पास जाना पड़ता है। टिकट एजेंट को मनमानी कीमत चुकाकर पैसेंजर को यात्रा करने पर विवश होना पड़ता है।

सुबह से ही लगने लगती है लाइन

नई व्यवस्था के तहत तत्काल में वातानुकूलित कोच के टिकट के लिए काउंटर क्0 बजे से खुलता है और स्पीपर के लिए क्क् बजे से है। यह व्यवस्था एजेंट और दलालों पर नकेल कसने के लिए शुरूकी गई। लेकन दलालों ने इसका तोड़ भी निकाल लिया। जिन्हें इमरजेंसी में किसी शहर को जाना होता है वे अहले सुबह से काउंटर पर खड़े हो जाते हैं। तत्काल के लिए जब काउंटर खुलता है तो कुछ को छोड़ सभी को निराशा ही हाथ लगती है।

एजेंट और रेल स्टाफ की रहती है मिलीभगत

सूत्रों की मानें तो टिकट के इस खेल में टिकट एजेंट के साथ रेलवे के स्टाफ भी मिले होते हैं। यही कारण है कि पटना जंक्शन के आसपास टिकटिंग की दुकान खोले एजेंट किसी भी दिन किसी भी ट्रेन में टिकट देने का दावा करते हैं। यह बात कई बार साबित भी हो चुकी है। सोमवार को पटना जंक्शन के पास से खुद आरपीएफ की टीम ने एक एक ट्रेवल एजेंसी को अवैध तरीके से रिजर्वेशन टिकट बेचते हुए पकड़ा है। दुकानदार के पास सिर्फ जनरल टिकट बेचने का लाइसेंस था। छापेमारी के बाद यह बात सामने आई कि रेलकर्मी के मिलीभगत से वह आरक्षण टिकट बुकिंग का कोड भी ले लिया था। इसी कोड के माध्यम से वह अनारक्षित टिकट के लाइसेंस पर आरक्षित टिकट काटता था।

एजेंट का दावा, हर रूट का है कंफर्म टिकट

पटना जंक्शन के पास के एक टिकट एजेंट से आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने ग्राहक बनकर दिल्ली के टिकट के लिए बात की। एजेंट ने कहा कि एक दिन पहले शाम में टिकट के पैसे के साथ क्000 रुपए अतिरिक्त देना होगा। वहीं यह भी कहा कि सेम डेट में जाना चाहते हैं तो थोड़े अधिक पैसे देने होंगे, लेकिन ट्रेन में ही इंतजाम हो जाएगा। ऐजेंट रिपोर्टर से कहता है कि अगर सेम डेट में जाना है तो राजधानी को छोड़ किसी भी ट्रेन में व्यवस्था हो जाएगी। या तो पैंट्री में जाना होगा या फिर मुगलसराय तक आपको जगह दे दी जाएगी।

होली में आने के लिए सारी सीटें फुल

होली में विभिन्न शहरों से पटना आने वाले यात्रियों को या तो स्पेशल ट्रेन का विकल्प है या फिर वे टिकट एजेंट पर भरोसा करें। ख्फ् मार्च को होली है लेकिन दिल्ली सहित अन्य शहरों से पटना आने के लिए पैसेंजर को एक मार्च के बाद का टिकट नहीं मिल रहा है। दिल्ली से आने वाली प्रमुख ट्रेनें जैसे डिब्रूगढ़ राजधानी, विक्रमशिला, संपूर्ण क्रांति, राजेंद्र नगर राजधानी एक्सप्रेस, ब्रहमपुत्रा आदि ट्रेनों में एक मार्च से टिकट नहीं मिल रहा है। जैसे जैसे तिथि आगे बढ़ रही है वेटिंग भी लंबी होती जा रही है। वहीं इन ट्रेनों से होली के बाद से लौटने में भी अभी से ही यही हाल है। ख्ब् मार्च से ही इन ट्रेनों में वेटिंग मिलना शुरू होगया है। ऐसे में पैसेंजर को स्पेशल ट्रेनों का ही सहारा बच जाता है।