नई दिल्ली (पीटीआई)। India China Border Clash: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को चीनी सेना के साथगलवान में हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस घटना को दर्दनाक बताया है। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी सोमवार रात को संघर्ष में शहीद हुए हैं। पांच दशकों में दोनों सेनाओं के बीच अब तक का सबसे बड़ा सैन्य टकराव हुआ है।

रक्षा मंत्री नेे किया ट्वीट

राजनाथ सिंह ने ट्वीट की एक सीरीज में कहा कि भारतीय सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता को कर्तव्य के द्वारा प्रदर्शित किया और अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदनाएं शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।

पांच दशकों में अब तक सबसे बड़ा टकराव

नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद दोनों भारत और चीन के बीच सोमवार का टकराव सबसे बड़ा टकराव था। उस समय भारत के लगभग 80 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि टकराव में चीनी सेना के 300 से अधिक जवान मारे गए थे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक सामना चीनी क्षेत्र में एकतरफा स्थिति में एकतरफा बदलाव के चीनी पक्ष के प्रयास का परिणाम था। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों को हताहत हुए हैं जिसे टाला जा सकता था।

भारतीय सेना ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई

भारतीय और चीनी सेनाएं पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो, गैलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध में लगी हुई हैं। पैंगोंग त्सो सहित कई क्षेत्रों में भारतीय सेना की वास्तविक सीमा में चीन सेना के जवानों की बड़ी संख्या है। भारतीय सेना ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में शांति और शांति की बहाली के लिए उनकी तत्काल वापसी की मांग की है। दोनों पक्षों ने इस समस्या के निदान के लिए पिछले कुछ दिनों में बातचीत की एक श्रृंखला आयोजित की थी।

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