लखनऊ (ब्यूरो)। विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत उर्फ रंजीत बच्चन हर समय चर्चा में बने रहने का प्रयास करते थे। वर्ष 2002 से 2009 के बीच भूटान, बंगलादेश, नेपाल और बर्मा बार्डर तक 1.32 लाख किमी साइकिल यात्रा कर काफी चर्चित हुए थे। साइकिल यात्रा के दौरान उनका जुड़ाव समाजवादी पार्टी से था। प्रदेश में सपा की सरकार बनने के साथ ही खुद को वह सपा के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर स्थापित करने में जुटे थे। सबसे ज्यादा पहचान उन्हें तब मिली जब पानी में चलने वाली साइकिल न केवल इजाद की बल्कि राप्ती नदी में कई किमी तक साइकिलिंग भी की। इस पर तत्कालीन सीएम अखिलेश ने उनके पांच सदस्यी दल के सभी मेंबर्स को महंगी साइकिल भेंट की थी। यहीं नहीं अखिलेश यादव ने उन्हें और उनकी पत्नी को पांच-पांच लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया था। बाद में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने लखनऊ के हजरतगंज में उन्हें सरकारी आवास भी आवंटित किया था। सीएम अखिलेश ने रणजीत को पार्टी के प्रति जिम्मेदारियों को देखते हुए सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का प्रभारी भी बनाया था।

अतिथि भवन का कराया निर्माण

मूलरूप से गोला स्थित अहिरौली गांव के लाला टोले के रहने वाले तारा लाल श्रीवास्तव के बेटे रणजीत बच्चन चार भाइयों में सबसे छोटे थे। रणजीत गोरखपुर में शाहपुर क्षेत्र के भेडिय़ागढ़ मोहल्ले में अपने भाई के साथ किराये के मकान में रहते थे। गुलरिहा क्षेत्र के पतरका टोले में काफी पहले उन्होंने जमीन खरीदी थी। रणजीत ने चार साल पहले वहां अनाथ आश्रम बनवाने की घोषणा की थी। उस समय तत्कालीन डीएम से इसका शिलान्यास भी कराया था, लेकिन बाद में प्रदेश से सपा सरकार की विदाई होने के बाद अनाथ आश्रम की जगह अतिथि भवन का निर्माण शुरू करा दिया।

सीएए पर दिया था भड़काऊ बयान

लखनऊ में रहने के दौरान रणजीत, चक्रपाणि महाराज के संपर्क में आकर उनके संगठन से जुड़े। बाद में उन्होंने विश्व हिंदू महासभा के नाम से अलग संगठन बनाकर खुद को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। खुद को हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होंने भगवा कपड़े पहनना शुरू कर दिया था। कुछ दिन पहले ही सीएए पर भड़काऊ बयान देकर काफी चर्चाओं में आए थे। उन्होंने बयान दिया था कि जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

40 साल पहले छोड़ दिया था गांव

बच्चन के परिवार ने 40 साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। बाद में उन्होंने खेत भी बेच दिये थे। गांव में खंडहर हो चुका उनका घर ही बचा है। रणजीत बच्चन के तीन भाइयों की मौत हो चुकी है।

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