गूगल भी सेलिब्रेट कर रहा
भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया का कभी न भूलने वाला चेहरा बने पंडित रविशंकर का जन्म 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में हुआ था। 92 साल की उम्र में 12 दिसंबर 2012 को इस दुनिया को अलविदा कहने वाले पंडित रविशंकर आज इस दुनिया में न रहकर भी लोगों के बीच बसते हैं। उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया के हर कोने पहुंचाने का पूरा श्रेय जाता है। शायद इसीलिए आज इस खास दिन को गूगल भी सेलिब्रेट कर रहा है। वह भी पंडित रविशंकर को दिल से सच्ची श्रद्धाजंलि दे रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि पंडित रविशंकर ने  दुनिया भर में प्रसिद्ध बैंड बिटल्स के साथ भी सितार बजाया। पंडित रविशंकर बचपन से ही नृत्य की दुनिया में जाना चाहते थे।

गूगल डूडल बनाकर आज मना रहा पंडित रविशंकर का 96 वां जन्मदिन

भारत से लेकर यूरोप तक दौरा

वह अपने बड़े भाई उदयशंकर की तरह नृत्य की दुनिया में पहचान बनाने के लिए उनके नृत्य समूह के साथ भारत से लेकर यूरोप तक दौरा किया, लेकिन अचानक से इनका रुख पलट गया औरअठारह साल की उम्र में सितार से जुड़ गए। इन्होंने काफी बारीकी से इसे सीखना शुरू कर दिया। इन्होंने उस्ताद अलाउद्दीन खां से सितार की शिक्षा ग्रहण कर अपना लक्ष्य निर्धारित किया। इतना ही नहीं यह 1986 से 1992 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। आज पंडित रविशंकर की सितार धुनें हर उम्र के लोगों के दिल में बसती हैं। युवाओं के बीच भी इसका खास क्रेज है। पंडित रविशंकर को भारत रत्न और पद्मविभूषण समेत कई बड़े पुरस्कार मिले थे। इसके अलावा इन्हें तीन बार ग्रैमी पुरस्कार भी दिया गया।

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