जम्मू (पीटीआई)। सोमवार को अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। यह यात्रा 43 दिन की होगी जो 30 जून को शुरू होगी। अमरनाथ यात्रा कोरोनावायरस महामारी के दो साल के ब्रेक के बाद शुरू होगी। यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी - नुनवान से पारंपरिक 48 किलोमीटर दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से गुफा मंदिर तक और दूसरी मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर खड़ी बालटाल मार्ग से जाएगी ।

एसएएसबी वार्षिक तीर्थयात्रा का करता है प्रबंधन

सरकार, इस साल तीर्थयात्रियों के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) प्रोग्राम भी शुरू कर रही है। जिससे यात्रियों कि भलाई के बारे मे पता करने के लिए रास्ते में उनकी आवाजाही पर नज़र रखी जा सके। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रबंधन करता है। एसएएसबी के अनुसार, 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति और छह सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था वाली किसी भी महिला को यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), जम्मू सर्कल के डिप्टी जनरल मैनेजर यतिंदर कुमार ने रिपोर्टर्स से कहा कि जम्मू और कश्मीर में रेहरी, कटरा, रियासी, अखनूर और सांबा में हमारी ब्रांचों के अलावा देश भर में 316 अन्य ब्रांचों में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है।

हेल्थ सर्टिफिकेट,4 तस्वीरें और 120 रुपये करना होगा जमा

उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को एक एप्लीकेशन, एसएएसबी द्वारा दिए गए अस्पतालों से कंपल्सरी हेल्थ सर्टिफिकेट, चार तस्वीरें और 120 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। साथ ही बताया कि जिन्होंने पिछले साल यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन तीर्थ यात्रा नहीं कर सके, उन्हें फीस के रूप में केवल 20 रुपये जमा करने होंगे। उन्होंने कहा कि जिन तीर्थयात्रियों ने 75 वर्ष की आयु पार कर ली है, उन्हें 100 रुपये वापस कर दिए जाएंगे। कुमार ने कहा कि पीएनबी की प्रत्येक ब्रांच दैनिक आधार पर 30 इच्छुक तीर्थयात्रियों को रजिस्ट्रेशन करेगी। साथ ही कहा कि पहलगाम और बालटाल के जुड़वां मार्गों के लिए प्रत्येक में 15 तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन होगा।

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