- नदियों के नाम पर होगा सीटिंग अरेंजमेंट
- अब ए, बी, सी नहीं गंगा, युमना होगा सीटिंग गैलरीज का नाम
देहरादून।
दून के परेडग्राउंड में आयोजित होने वाले रिपब्लिक डे प्रोग्राम में इस बार नदियों की धारा बहेगी। सीटिंग अरेंजमेंट में ए, बी, सी गैलरीज का भेद नहीं रहेगा, बल्कि नदियों के नाम पर सीटिंग गैलरीज बनाई जाएंगी। अब तक रिपब्लिक डे पर गेस्ट्स के लिए ए, बी, सी कैटेगरी में सीटिंग अरेंजमेंट किया जाता था, गेस्ट्स बी और सी गैलरी में बैठने में ऑब्जेक्शन करते थे। इस बार प्रशासन द्वारा नदियों के नाम पर गेस्ट्स के लिए सीटिंग गैलरी बनाई जाएंगी।
सीटिंग अरेंजमेंट का मैप जारी
रिपब्लिक डे पर सीटिंग अरेंजमेंटस के लिए मैप रेडी कर लिया गया है। मैप में नदियों के नाम पर बनाई जाने वाली गैलरीज की लोकेशन दिखाई गई है। इसमें स्टेट की भागीरथी, अलकनंदा, गंगा, यमुना, टौंस, आसन, ऋषिपर्णा और मंदाकिनी नदियों के नाम से सीटिंग लोकेशन दिखाई गई हैं।
भेदभाव का लगता था आरोप
दरअसल परेड ग्राउंड में होने वाले रिपब्लिक डे के आयोजनों में अक्सर गेस्ट भेदभाव का आरोप लगाते थे। प्रशासन की ओर से सिर्फ गैलरी के स्पेस तय करने के लिए इनको ए, बी, सी, डी नाम दिए जाते थे। जबकि गेस्ट इनको कैटेगरी से जोड़ कर देखते थे और ए गैलरी में ही बैठने की जिद करते थे। इस दिक्कत को दूर करने के लिए प्रशासन की ओर से इस बार ये सिस्टम खत्म कर दिया गया है।
भेजा जा रहा इनविटेशन
इस बार रिपब्लिक डे के इनविटेशन कार्ड छपवाने और बांटने की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन के पास ही है। इनविटेशन कार्ड भेजे जा रहे हैं। हालांकि ज्यादातर इनविटेशन मेल के जरिए दिए जा रहे हैं। राज्य आंदोलनकारी व फ्रीडम फाइटर्स के लिए साढ़े 4 हजार इनविटेशन कार्ड पब्लिश करवाए गए हैं।
लोक वाद्य यंत्रों की धुन
संस्कृति विभाग की ओर से लोक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति पेश की जाएगी। परेड ग्राउंड में सभी विभागों की ओर से झांकियां निकाली जाएंगी, जिनके जरिए विभागीय योजनाओं की जानकारी पब्लिक को दी जाएगी।
गेस्ट्स के लिए गैलरीज
गंगा- सीएम के गेस्ट्स, विधानसभा स्पीकर, मंत्री, सांसद, विधायक और उनके परिवार वाले।
अलकनंदा- जज, न्यायिक अधिकारी, आयोग के अध्यक्ष, अधिकारी और उनके परिवार वाले।
भागीरथी- आर्मी ऑफिसर्स और उनके परिवार वाले।
यमुना- फ्रीडम फाइटर्स, शहीदों के परिजन, राज्य आंदोलनकारी और उनके परिवार वाले।
टौंस- मीडिया
आसन-अन्य गेस्ट्स।
सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर गेस्ट में जो भेदभाव की गलतफहमी होती थी। नदियों का नाम रखने के बाद वह दूर हो सकेगी।
- बीर सिंह बुदियाल, एडीएम, एफआर