- सिटी के पथरिया पीर बस्ती में जहरीली शराब कांड में 6 लोगों की मौत के बाद मातम

- 6 लोगों के घर परिवार पूरी तरह से बिखर गए, दो युवतियां छोटी उम्र में ही हो गई विधवा, एक मासूम अनाथ

DEHRADUN: सिटी के पथरिया पीर बस्ती में जहरीली शराब पीने से थर्सडे-फ्राइडे को 6 लोगों की मौत से बस्ती में मातम पसरा हुआ है। सैटरडे को भी हर बस्ती वाले की आंखों में आंसू थे। जिन लोगों की जान गई उनके पीछे कई बेसहारा हो गए। 6 परिवार पूरी तरह से बिखर गए जिनमें से दो युवतियां ऐसी भी हैं, जो इसी वर्ष ब्याह कर लाई गई थीं, लेकिन दोनों के पति जहरीली शराब के शिकार हो गए। वहीं, एक मासूम के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया था, पिता की मौत के बाद अब वह अनाथ हो गया है।

केस 1-

जहरीली शराब कांड का सिलसिला 19 सितंबर से शुरू हुआ, जब 40 वर्षीय राजेन्द्र की मौत हो गई। राजेन्द्र सफाई कर्मचारी था, जो प्राइवेट नौकरी के जरिए परिवार चलाता था। राजेन्द्र अपने पीछे पत्‍‌नी और पांच बच्चों को छोड़ गया। राजेन्द्र के घर में 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता भी हैं। सभी राजेन्द्र पर ही आश्रित थे, अब घर कैसे चलेगा। इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है।

केस 2-

19 सितंबर को ही राजेन्द्र के घर के पास ही रहने वाले 28 वर्षीय लल्ला ने भी दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि लल्ला की अभी 4 माह पहले ही शादी हुई थी। घर में पत्‍‌नी के अलावा एक 70 वर्षीय मां भी है। जो कि लल्ला के सहारे जीते थे, लल्ला की मौत के बाद घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। बूढ़ी मां ने जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को देखा तो हाथ जोड़ लिए। बूढ़ी मां रोते हुए बोली लल्ला चला गया, घर कैसे चलेगा।

केस 3-

19 सितंबर को तीसरी मौत जहरीली शराब पीने से 62 वर्षीय शरण की हुई। शरण प्राइवेट जॉब कर घर चलाता था। घर में पत्नी के अलावा एक बेटी है। जिसकी शादी नहीं हुई है। पिता शरण के ऊपर बेटी की शादी की जिम्मेदारी थी, लेकिन शरण के चले जाने से अब बेटी और पत्नी घर में अकेली हो गई हैं। दिनभर आसपास और स्थानीय नेताओं के आने जाने का सिलसिला चलता रहा।

केस 4-

20 सितंबर को जहरीली शराब से 25 वर्र्षीय आकाश की मौत हो गई। आकाश गाड़ी चलाकर परिवार को पाल रहा था। आकाश की 8 माह पहले ही शादी हुई थी। घर में पत्‍‌नी के अलावा एक विधवा मां भी है। अब सास और बहू ही घर में अकेले रह गए। जैसे ही आकाश की मौत की खबर सुनी घर में कोहराम मच गया। बॉडी देखकर आकाश की पत्‍‌नी बेसुध हो गई।

केस 5-

20 सितंबर को पथरिया पीर से लगे नीलकंठ में रहने वाले 33 वर्षीय सुरेन्द्र की भी मौत हो गई। सुरेन्द्र पुताई का काम कर घर चला रहा था। सुरेन्द्र का पक्का मकान तक नहीं है। घर में सुरेन्द्र के अलावा पत्‍‌नी, दो बच्चे और बीमार बूढ़े पिता है। इन सब की देखभाल का जिम्मा सुरेन्द्र पर ही था, सुरेन्द्र के जाने के बाद घर कैसे चलेगा ये भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जिनके पास पक्का मकान तक नहीं है।

केस 6-

20 सितंबर को 40 वर्षीय इन्दर की भी जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। इन्दर के घर में अब सिर्फ एक 15 वर्षीय बेटा ही रह गया है। परिवार में अब बेटे के अलावा कोई भी सदस्य नहीं है। मासूम के सिर से पहले मां और अब पिता का साया उठ गया। पूरे मोहल्ले के लोग इन्दर के घर इकट्ठा होकर अब मासूम की जिंदगी को लेकर चिंतित नजर आए।

पथरिया पीर में दिनभर अफरा-तफरी

पथरिया पीर में सैटरडे को दिनभर अफरा तफरी का माहौल बना रहा। हर तरफ स्थानीय लोगों, मीडिया और पुलिसवालों की भीड़ जुटी रही। सैटरडे को सुरेन्द्र और आकाश का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान दो और लोगों के बीमार होने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। सभी एम्बुलेंस और पुलिस से मदद की गुहार लगाते दिखे। इसी बीच गली तंग होने की वजह से स्थानीय लोग टूव्हीलर पर बैठाकर मरीजों को हॉस्पिटल लेकर गए। अंशु, विकास, विशाल, मुकेश, अशोक को तबीयत बिगड़ने के बाद हॉॅस्पिटल में भर्ती कराया गया।

पूर्व पार्षद ने खोला मोर्चा

इलाके में अवैध रूप से चल रहे शराब के धंधे के खिलाफ स्थानीय लोगों ने सैटरडे को मोर्चा खोल दिया। पूर्व पार्षद डॉ। बबीता सहोत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि पुलिस और शराब माफियाओं की मिलीभगत से ही पूरे इलाके में शराब का कारोबार चल रहा है। डॉ। बबीता ने आरोप लगाया कि पुलिस छोटे मछलियों को पकड़ रही है, जबकि असली मगरमच्छ पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बबीता ने क्षेत्र में अवैध रूप से शराब के कारोबार के पीछे एक सफेदपोश नेता का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि इलाके में सभी को पता है कि कौन यहां शराब बेचते हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।