कानून उल्लंघन का आरोप
उबर से बुक हुई कैब में महिला से कथित रेप का मामला सामने आने के बाद दिल्ली सरकार उबर की सेवाओं पर पूरी तरह से बैन लगा चुकी है. दिल्ली पुलिस ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है जबकि दिल्ली हाईकोर्ट में इस तरह की ऑनलाइन टैक्सी सेवाओं के लिए एक याचिका दायर की गई है. इन पर आईटी कानून के उल्लंघन का भी आरोप है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को वेब आधारित टैक्सी सेवाएं पर रोक लगाने को कहा है, जिसके बाद हैदराबाद ने भी उबर की सेवाओं को गैर कानूनी करार दिया है

इन देशों में हो रही कार्यवाई
दिल्ली में उबर कैब में रेप के मामले के बाद देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ इस तरह की कैब सर्विस जारी रखने पर भी सवाल उठने लगे, जिसमें सिर्फ भारत ही नहीं बल्िक स्पेन, थाईलैंड, नीदरलैंड्स, अमेरिका, वियतनाम, एंव ब्राजील आदि देश शामिल हैं. इन देशों में उबर के खिलाफ कार्यवाई चल रही है. जिससे अब आईटी कंपनी के बिजनेस पर खास प्रभाव पड़ते नजर आ रहे हैं.

51 देशों में कारोबार
फिलहाल उबर 51 देशों के 200 से ज्यादा शहरों में मोबाइल एप के जरिए टैक्सी बुकिंग का कारोबार कर रही है. वर्ष 2009 में सेन फ्रांसिस्को से शुरू हुई उबर अपनी किफायती सेवाओं के चलते दूसरे देशों में भी काफी पंसद की जाने लगी. जिससे देखते ही देखते कुछ साल के अंदर ही उबर करीब 40 बिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन गई और बाकी अन्य देशों को में अपनी सर्विस बढ़ाने की फिराक में थी.

कानून और निगरानी नहीं
दुनिया के बहुत से देशों में टैक्सी कारोबार से जुड़ी पुराने ऑपरेटर उबर के बिजनेस मॉडल पर सवाल उठा रहे हैं. उबर ट्रांसपोर्ट कंपनी के बजाय आईटी कंपनी की तौर पर काम करती है. इस तरह की सेवाओं को रेगुलर करने के लिए अधिकांश देशों में पुख्ता कानून और निगरानी नहीं है और उबर का बिजनेस धड़ल्ले से फल फूल रहा है. हालांकि अब दुनिया के कई बड़े देशों में दिल्ली में रेप के मामले के बाद से उबर कैब सर्विस पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं.

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