- सीता सागर व अंजुम रहबर को दीन दयाल सम्मान

- महाशिव रात्रि पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन

LUCKNOW: महाशिव रात्रि पर शिवनगर खदरा में शिव मंच से गीत की गंगा की धार निकली तो हास्य का चन्द्रमा भी चमकाए व्यंग्य का त्रिशूल चला तो ओजस्विता का शंखनाद भी हुआ।

पं। दीन दयाल उपाध्याय साहित्यिक सेवा संस्थान द्वारा क्8वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। प्रसिद्घ कवियत्री डॉ। सीता सागर एवं अंजुम रहबर को पं। दीन दयाल उपाध्याय सम्मान ख्0क्भ् से अलंकृत किया गया।

तेरी तन्हाइयों का है मुझ पे करम मैं

सम्मान समारोह के बाद हास्य कवि सर्वेश अस्थाना के संचालन एवं डॉ। सीता सागर की वाणी वंदना के साथ शुरू हुए कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को कुर्सियों से बांधे रखा। कवि सम्मेलन में अलीगढ़ से आये प्रसिद्घ गीतकार डॉ। विष्णु सक्सेना ने सुनाया । 'श्रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा एक आयी लहर कुछ बचेगा नहीं तुमने पत्थर सा दिल हमको कह तो दियाए पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं' वहीं दिल्ली से आए हास्य कवि डॉ। सुनील जोगी ने बेटियों का महत्व बताते हुए पढ़ा। उसका आंगन एकदम सूना.सूना रहता है जिसके घर में बेटी का अवतार नहीं होता। सीता सागर ने सुनाया। तेरी तन्हाइयों का है मुझ पे करम मैं अकेली हूं लेकिन अधूरी नहीं। सम्मानित शायरा अंजुम रहबर ने मजबूरियों के नाम पे सब छोडऩा पड़ा दिल तोडऩा कठिन था पर तोडऩा पड़ा सुनाकर तालियां बटोरी। कविता तिवारी ने मेरे ईश्वर मेरे दाता ये कविता मांगती तुझसे युवा पीढ़ी सम्भल करके विवेकानंद हो जाए सुनाकर युवाओं को जागृत करने का प्रयास किया।

भजन संध्या से शुरु हुआ कार्यक्रम

कवि आशीष अनल ने तिरंगा कविता से श्रोताओं में जोश भरा तो अभय निर्भीक ने भारत दर्शन कविता सुनाकर देश के इतिहास से परिचित कराया। भजन संध्या के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में कवि सम्मेलन से पूर्व नृत्यांगना विभू वाजपेई ने शिव परिवार स्तुति नृत्य प्रस्तुत किया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में संयोजक हरीश अग्रवालए अध्यक्ष पं। आदित्य द्विवेदी निखिल रस्तोगी, प्रमोद अग्रवाल, अनिल टेकड़ीवालए क्षितिज उमेन्द्र सहित नगर के तमाम साहित्यकार गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।