इस योग ने बनाया शाही स्नान को खास

इस कुंभ पर्व पर बुधादित्य योग ने शाही स्नान को खास बनाया। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार शुक्रवार सुबह 6 बजे मेष लग्न में अमृत स्नान का आरंभ हुआ। मेष राशि में सूर्य व बुध का होना उच्च बुधादित्य योग बना रहा है। इसके साथ ही सिंह राशि में बृहस्पति व राहु का दृष्टि संबंध भी बन रहा है। यह योग धर्म व आध्यात्मिक उन्नति के लिए सबसे श्रेष्ठ है। शनिवार सुबह पांच बजे से शंकराचार्य और अखाड़ों के प्रमुख साधु-संत पारंपरिक रूप से रथ पर सवार होकर शिप्रा तट पर पहुंचे।

इन साधु-संतो ने किया शाही स्नान

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा दत्त अखाड़ा बड़नगर उज्जैन- यह अखाड़ा स्नान के लिये भेरूपुरा, हनुमानगड़ी, शंकराचार्य चौक होते हुए छोटीरपट, केदारघाट, एवं दत्तअखाड़ा घाट पहुंचा। वैष्णव अखाड़े और अणि अखाड़े के साधु संत भी शिप्रा तट पर पहुंचर शाही स्नान किया। स्वामी अवधेशानंद, पाइलट बाबा, महामंडलेश्वर शिवांगीनद और पंडित जसराज ने भी स्नान किया। पाइलट बाबा के साथ विदेशी भक्त भी शाही स्नान के लिए पहुंचे थे। सुबह 7.25 पर निरंजनी अखाडा शंकराचार्य चौराहे से आगे बढ़ा।

शिप्रा के तट पर लगा संतो का मेला

कुंभ पर्व पर सभी अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक शोभयात्रा के साथ शिप्रा तट की ओर बढ़ते रहे। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर संतों के दर्शन को भक्तों की भीड़ लगी रही। विवादित संत नित्यानन्द अपने साथ सबसे ज्यादा विदेशी भक्तों के साथ शिप्रा में डुबकी लगाई। वहीं गोल्डन बाबा ने अपने समर्थकों के साथ रामघाट पर शाही स्नान किया।

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