कैसे किया गया शहरों का चयन

इन 20 शहरों का नाम 98 शहरों में से चुना गया है। इन शहरों को मेरिट के आधार पर चुना गया है। इसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई गई थी। इन शहरों का नाम सबसे पहले राज्य सरकारों से प्रस्तावित करवाए गए थे। इसके बाद इन शहरों को कई पैरामीटर पर आंका गया था। यह पैरामीटर थे बिजली, पानी, रेवेन्यू, म्यूनिसिपल प्लानिंग और पार्टनरशिप। यह सभी आंकलन एक्सपर्ट कमेटी द्वारा किया गया था। इस कमेटी में देश-विदेश के एक्सपर्ट शामिल थे। इनके निर्णय के आधार पर ही शहरों के नाम फाइनल किए गए।

15 शहर विकसित करेंगी भारतीय और 5 विदेशी कंपनियां

स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार ने 48,000 करोड़ रुपये का फंड पास किया है। चुने गए इन 20 शहरों को 3 साल तक हर साल 100 करोड़ रुपये फंड दिए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों को ज्यादा तवज्जो दी गई है। 15 शहरों की कंसल्टेंसी भारतीय कंपनियां संभालेंगी और 5 शहरों की कमान विदेशी कंपनियों के हाथों में है।

फर्स्ट फेज में ये 20 शहर

विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पहले फेज में जिन 20 शहरों के नामों का ऐलान किया है वह हैं भुवनेश्वर, पुणे, जयपुर, सूरत, कोच्चि, अहमदाबाद, जबलपुर, विशाखापट्टनम, सोलापुर, दावणगेरे, धवलगिरि (कर्नाटक),  नई दिल्ली, इंदौर,  कोयम्बटूर, बेलगाम, उदयपुर, गुवाहाटी, लुधियाना, चेन्नई और भोपाल। उन्होंने यह भी बताया कि हर दो साल में 40-40 शहरों का सिलेक्शन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा।

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