स्वास्थ्य निदेशालय नहीं है सतर्क
ऐसा जान पड़ता है कि स्वास्थ्य निदेशालय अपने कर्तव्यों के प्रति बिल्कुल भी जागरूक नहीं है. हालांकि दिल्ली के अस्पतालों में जाने पर जरूर लगता है कि वहां स्वाइन फ्लू से लड़ने की पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है. तभी तो स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए यहां अलग से आइसोलेशन वॉर्ड की व्यवस्था की गई है, लेकिन इबोला के बढ़ते खतरों को देखते हुए आरएमएल, एलएनजेपी और सफदरजंग अस्पताल के स्वाइन फ्लू वॉर्ड को अब इबोला वॉर्ड में बदल दिया गया है.
अस्पतालों में है दवाओं की भारी कमी
हालांकि इसके पीछे एक तर्क यह भी है कि अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू को नॉर्मल फ्लू की तरह ट्रीट किया जाता है. यही वजह है कि अस्पतालों में दवाओं की भी भारी कमी हो गई है. गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 1509 मामले सामने आए थे, इसमें से स्वाइन फ्लू से ही 16 लोगों की मौत हो गई थी.
50 वर्षीय महिला की हुई मौत
स्वाइन फ्लू का ताजा मामला सर गंगा राम अस्पताल का है. यहां एक 50 वर्षीय महिला ने स्वाइन फ्लू के कारण दम तोड़ दिया. जानकारी है कि महिला हाल ही में विदेश से आई थी. स्वाइन फ्लू का मामला सामने आने पर डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. खबर है कि इससे पहले 20 दिसंबर को गाजियाबाद स्थित कोलंबिया एशिया अस्पताल में दक्षिण अफ्रीका से लौटी एक महिला को एडमिट कराया गया था. उसमें स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए थे. उसे सीएमओ के निर्देश पर शनिवार को ही सर गंगाराम अस्पताल (दिल्ली) में एडमिट करा दिया गया था. साथ ही, उसके परिजनों को भी टैमी फ्लू की दवा दे दी गई थी. महिला का नाम शीला गुप्ता (50) बताया जा रहा है.
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