कंफ्यूजन होगा दूर
इलेक्शन कमीशन ने EVM मशीन को लेकर एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया है. इलेकशन कमीशन अब सभी चुनावों में तस्वीर वाली EVM मशीन को उपयोग में लाने पर विचार कर रहा है. इस फैसले की बड़ी वजह वोटर्स ही हैं. इलेक्शन कमीशन का मानना है कि वोटर्स एक जैसे नाम वाले डमी कैंडिडेट को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं. उनके इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिये फोटो वाली मशीन का प्लॉन किया जा रहा है.

जम्मू और झारखंड चुनाव में होगा ट्रायल

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्शन कमीशन ने तस्वीर वाली EVM मशीन डिजाइन करने के लिये विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की है. फिलहाल इलेक्शन कमीशन इस नई EVM मशीन को झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों में इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है. गौरतलब है कि इन दोनों राज्यों में इस साल के अंत तक चुनाव हो जाने की संभावना है.

मिलते-जुलते नामों की है भरमार
चुनावों में वोटों को प्रभावित करने के लिये डमी कैंडिडेट चुनाव लड़ते हैं. आम चुनावों में भी इस तरह के कई केस देखने को मिले थे. लोकसभा चुनाव में आधे से ज्यादा सीटों पर एक नाम के कई कैंडिडेट थे. लोस चुनाव में छत्तीसगढ़ के महासमुंद सीट से बीजेपी के कैंडिडेट चंदूलाल साहू के अलावा इसी नाम से 10 और कैंडिडेट मैदान में थे. इसी तरह मथुरा में हेमा मालिनी के खिलाफ भी 6 से ज्यादा हेमा नाम की कैंडिडेट्स ने चुनाव लड़ा था. इसी तरह की दिक्कतों से निपटने के लिये एक जनहहित याचिका में वकील सुनील गोयल ने डमी कैंडिडेट से निपटने के लिये EVM मशीन पर तस्वीर लगाने का सुझाव दिया था.

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