कानपुर। साउथ अफ्रीका के फर्स्ट क्लॉस क्रिकेटर सोलो एनक्वेनी इस समय बुरे वक्त से गुजर रहे। पिछले साल वह कोमो में थे, बड़ी मुश्किल से जिंदगी बच पाई। लीवर और किडनी पहले ही फेल हो गया अब कोरोना के शिकार हो गए। इस बात की जानकारी खुद उन्होंने ट्विटर पर दी। सोलो ट्विटर पर लिखते हैं, 'पिछले साल मुझे जीबीएस (गुलियन बेयर सिस्टम) हुआ था। मैं बीते 10 महीनों से इस बीमारी से जूझ रहा। अभी ठीक नहीं हो पाया था कि मुझे टीबी हो गई। अब मैंने कोरोना टेस्ट करवाया है जो पॉजिटिव निकला। मुझे समझ नहीं आ रहा आखिर मेरे साथ क्या हो रहा है।'

खतरनाक बीमारी के बावजूद इलाज के लिए पैसा नहीं

क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, सोलो एनक्वेनी का बीमारियों से पीछा नहीं छूट रहा। पिछले साल वह चार हफ्ते तक कोमा में रहे थे। तब उनके लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था, मशीनों के सहारे किसी तरह उनकी जिंदगी बच पाई। अक्टूबर तक वह थोड़े ठीक हुए और बात करने के काबिल हो पाए। इलाज के बाद उन्हें साउथ अफ्रीका वापस लौटना था मगर सोलो के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह वापस जा सके। इसके बाद उनके लिए फंड जुटाया गया, तब जाकर इस साल जनवरी में वह जोहांसबर्ग आ पाए। यहां उन्हें आगे के इलाज के लिए फिर से अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। फरवरी में साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम ने सोलो को इलाज के लिए 50 हजार रुपये दान दिए थे।

अंडर 19 टीम के लिए खेले चुके मैच

सोलो एनक्वेनी साउथ अफ्रीका के फर्स्ट क्लॉस क्रिकेटर हैं। उन्होंने 2012 में अफ्रीका की अंडर 19 क्रिकेट टीम की तरफ से मैच खेला। इसके बाद उन्होंने ईस्टर्न प्रोविनेंस और फिर वारियर्स फ्रेंचाइजी से कॉनट्रैक्ट कर लिया। सोलो ने ईस्टर्न प्रोवीनेंस के लिए आखिरी बार अप्रैल में तीन दिनी प्रोविंशियल कप में खेला था जिसमें उन्होंने 95 रन बनाए थे।

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