दो महीने पहले ही आतंकी हमले का शिकार हुई फ्रेंच अखबार शार्ली अब्दो अब नए कारणों से चर्चा में है. आतंकियों के कत्लेआम के बाद सुर्खियों में आए कार्टून आधारित व्यंगात्मक अखबार ने तब से अब तक तीन करोड़ यूरो कमा लिए हैं. और इसी मोटी रकम को लेकर अखबार के अधिकारी आपस में इस कदर लड़ रहे हैं कि अखबार में दो-फाड़ होने की नौबत आ गई है.

 

शार्ली अब्दो के मौजूदा प्रबंधन के खिलाफ ग्यारह कर्मचारियों ने विद्रोह कर सभी कर्मचारियों से हड़ताल का आह्वन किया है. इनकी मांग अखबार में बराबर की हिस्सेदारी देने की है. इस समय शार्ली अब्दो की चालीस फीसद हिस्सेदारी पत्रिका के पूर्व निदेशक और आतंकी हमले में मारे गए संपादक शार्ब के माता-पिता की है. सात जनवरी के आतंकी हमले में शार्ब की हत्या हो गई थी. इसके अलावा अखबार की चालीस फीसद की हिस्सेदारी वाले रिस घायलावस्था में अभी तक अस्पताल में भर्ती हैं. शेष 20 फीसद की हिस्सेदारी संयुक्त प्रबंधक एरिक पोर्थेल्ट के पास है.

 

लेकिन फ्रेंच पत्रिका के अब के अकूत मुनाफे के बाद पिछले बुधवार को अब्दो के पत्रकार लारेंट लेगर ने समूह में बराबर का हिस्सा मांग कर सबको स्तब्ध कर दिया. उन्होंने अपने एक समूह का भी ऐलान किया. इसमें शार्ली के स्तंभकार पैट्रिक पेलॉक्स भी शामिल हैं. हमले से पहले शार्ली अब्दो अखबार दीवालिया होने की कगार पर था. हर हफ्ते मात्र तीस हजार प्रतियां बिकती थीं. लेकिन हमले के बाद सरवाइवर विशेषांक के बाद इसकी 70 लाख प्रतियां छपीं और हाथों हाथ बिकीं. लोगों ने इस पत्र के लिए दिल खोलकर दान किया.

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