पौष पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू हुआ जप-तप और अनुष्ठान

शिविरों में लगाया गया तुलसी का पौधा और बोया जौ

ALLAHABAD: त्रिवेणी तट पर बसी तम्बुओं की नगरी में पौष पूर्णिमा स्नान के साथ ही एक माह का कल्पवास भी शुरु हो गया। दंडी स्वामी नगर, खाक चौक व आचार्य बाड़ा में संत-महात्माओं के शिविर में आस्था और कठोर व्रत का संकल्प लेकर श्रद्धालुओं ने जप-तप और अनुष्ठान के जरिए मोक्ष प्राप्ति की कामना की। शिविरों में पूजन-अर्चन कर श्रद्धालुओं ने तुलसी का पौधा लगाया। फूल मालाओं से घेरा बनाकर उसके चारों ओर गंगाजल छिड़का। साथ ही देशी घी और तेल का दीपक जलाया। अपने-अपने महात्माओं का पैर छूकर श्रद्धालुओं ने मोह माया, बुरी संगत से दूर रहने, कुवचनों का त्याग करने, सात्विक भोजन करने व मास पर्यन्त रामायण का मासिक पाठ करने आदि का संकल्प लिया।

खूब लगा गंगा मईया का जयकारा

अलग-अलग सेक्टरों में स्थित मोरपंख मोरध्वज, साकेत धाम, खालसा नगर, बड़ा भक्त माल, गंगा सेना शिविर, काशी सुमेरु पीठ, टीकरमाफी आश्रम, गीता प्रेस, अखिल भारतीय वर्षीय धर्मसंघ, अंतरराष्ट्रीय सनातन धर्म संस्थान कानपुर, नागेश्वर धाम व चरखी दादरी अन्न क्षेत्र जैसे महात्माओं के शिविरों में गंगा मइया का जयकारा लगाकर दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपना कल्पवास शुरु किया।

संत-महात्माओं ने लगाई डुबकी

पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के साथ ही शिविरों में मौजूद संत-महात्माओं ने भी स्नान किया। काशी सुमेरु पीठ के स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि, योग गुरु आनंद गिरि, महामंडलेश्वर ब्रजभूषणदास, स्वामी महेशाश्रम, स्वामी दंडी ब्रह्माश्रम, स्वामी मुनिशाश्रम व महामंडलेश्वर बिनौका बाबा सहित अन्य संतों ने पुण्य की डुबकी लगाकर देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन किया।

यज्ञ स्थल का भूमि पूजन

दद्दा शिष्य मंडल भारतवर्ष की ओर से गुरुवार को गंगोत्री-शिवाला मार्ग स्थित शिविर में यज्ञ स्थल का भूमि पूजन किया गया। यहां 26 जनवरी से सात दिवसीय 115वां सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन किया जाना है। संयोजक योगेश चंद्र यादव की अगुवाई में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ स्थल का पूजन हुआ। इस मौके पर पीके सिंह, संतोष शुक्ला, ज्ञान श्रीवास्तव, मनोज पांडेय आदि शिष्य मौजूद रहे।