1.73 लाख कुल सीटें संबद्ध कॉलेजों में

200 कॉलेजेज तो खाता ही नहीं खुला

13 हजार पर एडमिशन तीसरे चरण के बाद

650 कॉलेज यूपी में एकेटीयू से संबद्ध

LUCKNOW: ऐसा लगता है कि छात्रों का डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से मोहभंग होता जा रहा है। एकेटीयू में एडमिशन के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में अपना भविष्य संवारने का सपना संजाने वाले स्टूडेंट्स एकेटीयू से पूरी तरह कन्नी काट रहे हैं। आलम यह कि तीसरे चरण की आवंटन की प्रकिया पूरी होने के बाद महज 13 हजार सीटें ही भर सकी हैं। 200 कॉलेज तो ऐसे हैं जिनका खाता तक नहीं खुला है, इस लिस्ट में राजधानी के भी करीब दो दर्जन कॉलेजेज हैं। बता दें कि प्रदेश में एकेटीयू से एफलिएडेड इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के 650 कॉलेजों में 1 लाख 73 हजार सीटें हैं।

रंग नहीं लाया प्रयास

एकेटीयू प्रशासन ने कॉलेजों का हाल बेहतर बनाने के लिए काउंसिलिंग से पहले काफी कवायद की थी। यूनिवर्सिटी वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने नो योर कॉलेज, फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई, टीईटी के माध्यम से योग्य शिक्षकों के चयन के साथ कई अत्याधुनिक लैब बनाने की शुरुआत भी की थी। लेकिन, लाख कोशिशों के बाद भी स्टूडेंट्स ने एकेटीयू से मुंह मोड़ रखा है। तीसरे चरण की काउंसिलिंग तक केवल 13 हजार स्टूडेंट्स की एकेटीयू में दस्तक बदहाली बयां कर रहे हैं।

24 जून से शुरू हुई थी काउंसिलिंग

एसईई की काउंसिलिंग की प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई थी। मंगलवार को तीसरे चरण की काउंसलिंग में सीट का आवंटन जारी किया गया। एसईई-2016 के कोऑर्डिनेटर प्रो। कैलाश नारायण ने बताया कि तीसरे चरण की काउंसिलिंग सिर्फ एससी कैटेगरी के लिए थी। इसमें 205 नए कैंडीडेट्स ही एडमिशन के लिए आए, जबकि 2061 फ्लोट करके आए। तीसरे चरण में कुल 1763 को सीट आवंटित की गई। अब तक कुल 27982 कैंडीडेट्स को सीट आवंटित की गई। जिनमें से कुल 12917 ने एडमिशन लिया हैं। बुधवार को तीसरे चरण की स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

राजधानी में स्थिति

कॉलेज का नाम कोर्स सीटें प्रवेश

जीसीआरजी कॉलेज फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट एमबीए 51 0

मां वैष्णो देवी कॉलेज एमबीए 120 0

नॉबेल कॉलेज एमबीए 191 0

शाइन कॉलेज एमबीए 90 0

आईटीएम कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एमबीए 102 0

सिटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी एमबीए 102 0

मोतीलाल रस्तोगी कॉलेज एमबीए 130 0

ज्ञान इंस्टीट्यूट एमबीए 77 0

हीरालाल यादव इंस्टीट्यूट बीटेक समेत 10 कोर्स 150 0

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेशल एजुकेशन एमसीए 38 0

लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट एमसीए 43 0

इंजीनिय¨रग कालेजों को बताएंगे इलाज

रुष्टयहृह्रङ्ख : निजी इंजीनिय¨रग कालेजों का दर्द जानकर उनके इलाज के लिए शासन व एकेटीयू स्तर पर प्रयास किये जाएंगे। 20-21 जुलाई को नोएडा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इंजीनिय¨रग कालेजों से शुरुआत कर क्षेत्रवार संवाद किया जाएगा। कुछ वर्षो से लगातार प्रदेश में इंजीनिय¨रग कालेजों की हालत खराब हो रही है। इस साल भी तमाम कोशिशों और शासन व विश्वविद्यालय प्रशासन के बड़े-बड़े दावों के बावजूद इंजीनिय¨रग कालेजों की बमुश्किल बीस फीसद सीटें भरी हैं। अब तक हुए आकलन से स्पष्ट है कि कुछ कालेजों के लिए तो खूब मारामारी होती है और उनमें 80 फीसद तक सीटें भर जाती हैं। इसके विपरीत 90 फीसद के आसपास कालेजों में तो दस फीसद सीटें भी नहीं भर सकी हैं। प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा) मोनिका एस गर्ग ने बताया कि यह स्थिति समाप्त करने के लिए अभी से प्रयास शुरू करने का फैसला हुआ है। वे स्वयं निजी इंजीनिय¨रग कालेज संचालकों से मिलकर उनकी समस्याएं जानेंगी और फिर विश्लेषण कर समाधान किया जाएगा।

पूरे प्रदेश के निजी इंजीनिय¨रग कालेजों से संवाद की शुरुआत 20-21 जुलाई को नोएडा स्थित एकेटीयू परिसर में होगी। प्रमुख सचिव के मुताबिक इंजीनिय¨रग कालेजों को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले दिन उन कालेजों के संचालकों को बुलाया गया है, जिनके यहां 80 फीसद से अधिक सीटें भर गयी हैं। दूसरे दिन शेष इंजीनिय¨रग कालेजों के संचालक आएंगे। एक दूसरे के अनुभवों के आधार पर ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

स्थिति सुधारने के लिए अभी से प्रयास शुरू करने का फैसला हुआ है। वे स्वयं निजी इंजीनिय¨रग कालेज संचालकों से मिलकर उनकी समस्याएं जानेंगी और फिर विश्लेषण कर समाधान किया जाएगा।

-मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा

काउंसिलिंग का अभी दो चरण शेष है। जितनी भी सीटें भरेगी उनकी रिपोर्ट तैयार कर वीसी को भेज देंगे। वह निर्णय लेंगे की काउंसिलिंग से छूटे स्टूडेंट्स को दोबारा मौका दिया जाए या नहीं।

-प्रो। कैलाश नारायण, कोऑर्डिनेटर, एसईई-2016