सुप्रीम कोर्ट ने दी संपत्ति बेचने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की उन संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया जो विवादास्पद ना हों। वकीलों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप के 'अवैध' बॉन्ड्स में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए बाजार नियामक सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया Sebi को कहा है कि वो सहारा की संपत्तियां बेच दे। मंगलवार को अपने फैसले में सर्वोच् न्यायालय ने कि विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद से सहारा की 86 संपत्तियों की कीमत तय की जाये। कोर्ट ने स्प्ष्ट किया कि इन कंपनियों पर कोई विवाद नहीं है। ये भी कहा गया कि अगर विक्रय के लिए प्रस्तुत की गयी संपत्तियों के लिए संबंधित क्षेत्र के सर्कल रेट के 90 प्रतिशत से कम की बोली लगे तो उन्हें ना बेचा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि सहारा की ऐंबी वैली क्यों नहीं बेचा जाना चाहिए? अनुमान है कि इन 86 संपत्तियों की कीमत 40 हजार करोड़ रुपये तक हो सकती है।

सहारा समूह से ली जाये राय

इस आदेश के बारे में सहारा समूह से संबंधित सूत्रों का कहना है कि कोर्ट ने संपत्ति की बिक्री में समूह से राय लेने के लिए कहा है। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि पुणे की ऐंबी वैली सिटी प्रॉजेक्ट, मुंबई का होटल सहारा स्टार, विदेशी तथा कुछ अन्य संपत्तियां उन 86 संपत्तियों में शामिल नहीं हैं, जिसे बेचने की अदालत सेबी को अनुमति दी गयी है। कंपनी के बयान में बताया गया है कि उनकी ओर से 5,000 करोड़ रुपये नकद जमा कर दिए गए थे, लेकिन 5,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा नहीं हो सकी थी। कुछ देने पहले सहारा को अमेरिका अपने दो होटलों की निलामी बचाने में कामयाब हो गया था जब उसे जून तक का समय मिल गया था, लेकिन अब इस आदेश ने नयी समस्या खड़ी कर दी है।

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