स्वाइन फ्लू का डर फैलाने वालों तलाश

सिटी में दो प्राइवेट लैब ऐसी हैं जो स्वाइन फ्लू के बराबर सैंपल लेकर जांच करा रही हैं। ये लैब भी शहर में नहीं दिल्ली, गुडग़ांव और मुंबई में जांच करा रही है। साथ ही अपने को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से ऑथराइज्ड बता रही हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट साफ कर चुका है कि कोई भी प्राइवेट लैब स्वाइन फ्लू का टेस्ट नहीं करेगी। अगर करती हैं तो उसका एक सैंपल हेल्थ डिपार्टमेंट और दूसरा स्टेट गवर्नमेंट की नई गाइडलाइन के अकॉर्डिंग दिल्ली एनसीडीसी, पुणे एनआईसी और लखनऊ पीजीआई में भेजना अनिवार्य होगा। वरना अफवाह फैलाने के आरोप में कानूनी कार्रवाई होगी।

डॉ। लाल पैथ लैब

ईके रोड पर डॉ। लाल पैथ लैब की एक लैबोरेटरी और 12 कलेक्शन सेंटर शहर के विभिन्न इलाकों में है। लैबोरेटरी चीफ के अनुसार यहां से स्वाइन फ्लू का टेस्ट कराने का खर्चा पांच हजार रुपए का आता है। यहां से सिर्फ सैंपल कलेक्ट किए जाते हैं। जिन्हें दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित मेन लैबोरेटरी में जांच कर दो दिनों में रिपोर्ट वाया ईमेल आती है। लैब के अकॉर्डिंग रोजाना 4 स्वाइन फ्लू के टेस्ट के सैंपल विभिन्न कलेक्शन सेंटर्स आ रहे हैं। साथ में ये भी बताते हैं कि वो नेशनल एक्रीडिटेशन फॉर टेस्टिंग एंड कैलीब्रेशन लैबोरेटरीज(एनएबीएल), कांपीटेटिव एक्सेस प्रोवाइडर(कैप) और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से स्वाइन फ्लू को टेस्ट करने के ऑथराइज्ड हैं।

रैनबैक्सी लैब

आरजीपीजी कॉलेज रोड पर रैनबैक्सी कंपनी की एसआरएल नाम से लैबोरेटरी है। जहां छोटे मोटे टेस्ट होते हैं। ये भी स्वाइन फ्लू का सैंपल लेने और टेस्ट करने को ऑथराइज्ड मानते हैं। लैबोरेटरी हेड की माने तो उनके पूरे शहर में आधा दर्जन कलेक्शन सेंटर हैं। जहां से रोजाना एवरेज 4 सैंपल डेली आ रहे हैं। उन्हें फ्रीजिंग बॉक्स में मुंबई और गुडग़ांव टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। उसके बास रिपोर्ट ईमेल के थू्र दो दिनों में आ जाती है। यहां एक टेस्ट के लिए 4750 रुपए और किट के पांच रुपए अलग से लिए जाते हैं। ये भी अपने आपको नेशनल एक्रीडिटेशन फॉर टेस्टिंग एंड कैलीब्रेशन लैबोरेटरीज(एनएबीएल), कांपीटेटिव एक्सेस प्रोवाइडर(कैप) और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से स्वाइन फ्लू को टेस्ट करने के ऑथराइज्ड हैं।

दो फीसदी से भी कम

इन दोनों की लैब ये पिछले 20 दिनों में 200 से अधिक सैंपल लेकर दिल्ली गुडग़ांव और मुंबई में जांच हो चुकी है। जिनमें से इन्होंने भी अपने अपनी जांच में सिर्फ चार को ही स्वाइन फ्लू को पॉजिटिव बताया है। बाकी सभी केसों को एक तरह से नकार दिया है। स्वास्थ विभाग मान रहा है कि स्वाइन फ्लू की सिर्फ दहशत फैलाई जा रही है। बाकी पैथोलॉजिस्ट भी सिर्फ रयूमर ही बता रहे हैं।

वरना होगी कार्रवाई

हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की माने तो दोनों लैब में से किसी ने भी कोई सैंपल नहीं भेजा है। वहीं दोनों ही लैबोरेटरीज का कहना है कि भले ही हम उन्हें सैंपल न भेज रहे हो लेकिन अगर कोई सैंपल पॉजिटिव आता है तो हेल्थ डिपार्टमेंट की जानकारी में जरूर डाला जाता है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस बात को साफ कर दिया है कि अगर कोई लैब पॉजिटिव बताता है उसका एक सैंपल हेल्थ डिपार्टमेंट को जरूर भेजे। वरना कानूनी कार्रवाई के तैयार रहे।

'किसी भी लैब ने अभी तक कोई सैंपल हमें नहीं भेजा है। शहर में दो ही लैब सैंपल ले रही हैं। अगर वो स्वाइन फ्लू बता रही हैं तो उन्हें सैंपल हमारे पास भेजना अनिवार्य होगा। जिन्हें एनसीडीसी भेजकर टेस्ट किया जाएगा। रयूमर फैलाने वालों पर जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'

- डॉ। अमीर सिंह, सीएमओ

'हमारी लैब को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से सैंपल लेने की अथॉरिटी मिली हुई है। इसलिए हम सैंपल ले रहे हैं। हम उन्हीं का सैंपल ले रहे हैं जिन्हें डॉक्टर रेफर कर रहा है या जो घरों से फोन कर हमें बुलाते हैं। पॉजिटिव आने पर इसकी सूचना हेल्थ डिपार्टमेंट को कनवे कर रहे हैं.'

- डॉ। सतपाल सिंह, चीफ, डॉ। लाल पैथ लैब

'डेली एवरेज 4 स्वाइन फ्लू के सैंपल गुडग़ांव भेजे जा रहे हैं। शहर के कलेक्शन सेंटर स्वाइन फ्लू सैंपल हमारे मेन सेंटर्स के पास आते हैं। उसके बाद यहां से गुडग़ांव भेजे जाते हैं। हमारी लैब को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से सैंपल लेने की मान्यता मिली हुई है.'

अनवर खान, एरिया सेल्स मैनेजर रेनबैक्सी

सिर्फ दहशत में करा रहे जांच

मेरठ की दो लैब में करीब दो सौ लोगों ने जांच कराई। जांच कराने वालों को पांच हजार देने पड़े। जिन्होंने जांच कराई है वो प्राइवेट डॉक्टर्स के कहने पर ही कराया। अगर दहशत नहीं फैलायी होती तो मरीजों को इतना महंगी जांच कराने के लिए जेबें ढीली नहीं करनी पड़ती। वो नॉर्मल इलाज कराकर भी ठीक हो सकते थे।

ये मेरी राय है

रामानंदी अग्र्रवाल ने आई नेक्स्ट के ई मेल आईडी पर मेल के थ्रू कहा कि डॉक्टरों और फॉर्मा कंपनियों का व्यावसायिक गठजोड़ किसी से छुपा नहीं है और इस समय सुप्रीम कोर्ट भी इस नेक्सस को तोडऩे में लगा है। मीडिया का भी इस्तेमाल हो रहा है।