हौसले की है बात

 हरदम मूवमेंट को फेस करने वाले ताजमहल के पूर्वी गेट से पेड़ काटा जाना सिटी के लोगों के लिए आश्चर्य जैसा है। लेकिन, लकड़ी माफियाओं के लिए बेहद आसान है। वो रहा भी। इन माफियाओं ने डीएफओ का ऑफिस के सामने से पेड़ को साफ करके एक चुनौती सी दे दी है। ये चुनौती सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन की नहीं है बल्कि ताज की सुरक्षा में लगी तमाम एजेंसी के लिए भी है। अभी तक जंगलों से पेड़ काटे जाते थे। अब ये हमला ताज के पूर्वी गेट सरीखे वीआईपी रोड के पेड़ पर हो गया है। वाकई यह एक चौंका देने वाला मामला है।

टूरिस्ट ले रहे थे फोटो

डीएफओ ऑफिस के सामने से काटे गए इस पेड़ पर दिन भर आने-जाने वाले लोगों की निगाह रही। फॉरेनर्स तो बाकायदा उस स्पॉट को अपने कैमरे में कैद करते भी देखे गए। जानकारी करने पर पता लगा कि काटा गया पेड़ तकरीबन दस-बारह साल पुराना था।

वीआईपी मूवमेंट

जिस रोड से पेड़ काटा गया उस रास्ते से अकेले इंडियन और फॉरेनर टूरिस्ट ही नहीं गुजरते, बल्कि दिनभर में यहां से कई वीआईपी का आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के कई ऑफिसर्स भी निकलते हैैं। आश्चर्य की बात है कि इतने वीआईपी मूवमेंट वाली रोड से काट लिया गया।

खतरे में ग्रीन बेल्ट

ताज महल के पूर्वी गेट के रास्ते में खासी ग्रीन बेल्ट है। लेकिन, बीते कुछ टाइम से इस ग्रीन बेल्ट पर खतरा मडऱाने लगा है। यह खतरा सिर्फ पेड़ काटकर ले जाने वाले माफियाओं से ही नहीं है, बल्कि पेड़ों में लगने वाला फंगस भी ग्रीनरी का एक बड़ा दुश्मन बना हुआ है। इसके चलते अकेले ताज महल के इसी रोड के किनारों पर लगे हुए तकरीबन एक-डेढ़ दर्जन हरे-भरे पेड़ बेजान हो चुके हैैं। तमाम के ठूंठ और कईयों के तने इस बात की गवाही दे रहे हैैं।