रिम्स में एक नवजात स्ट्रीट डॉग्स का बना था निवाला

-हेल्थ सेक्रेटरी ने रिम्स पहुंचकर की मामले की छानबीन

-मुख्यमंत्री ने तीन दिनों में मांगी है जांच रिपोर्ट

RANCHI : रिम्स कैंपस में नवजात बच्ची को स्ट्रीट डॉग्स के निवाला बन जाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को टीम ने इमरजेंसी के साथ गायनी डिपार्टमेंट जाकर जांच की। इस टीम ने डायरेक्टर के चेंबर का भी जायजा लिया। टीम यह जानने की कोशिश कर रही थी कि जिस नवजात को कुत्तों ने नोच डाला था, आखिर उसे लावारिस की तरह रिम्स कैंपस में किसने फेंका था। जांच के दौैरान गायनी वार्ड से एक महिला के गायब होने की बात सामने आई है। यह टीम उस महिला की तलाश कर रही है।

सीएम ने मांगी है रिपोर्ट

ज्ञात हो कि शनिवार देर रात रिम्स कैंपस स्थित एसबीआई बैंक के बाहर एक नवजात को कुत्तों ने अपना निवाला बना लिया था। इस मामले में सीएम रघुवर दास ने सोमवार को हेल्थ सेक्रेटरी को जांच कमेटी गठित करने को कहा था। जिसके बाद टीम ने सोमवार को रिम्स में जाकर मामले की जांच शुरू की थी। हालांकि टीम को सोमवार को बच्चे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई थी। टीम को तीन दिनों में जांच कर अपनी रिपोर्ट हेल्थ सेक्रेटरी को सौंपनी है।

ग्रामीण बैंक के 15 हजार शाखाओं में लगा ताला

मंगलवार को झारखंड ग्रामीण बैंक के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस वजह से झारखंड ग्रामीण बैंक के रांची स्थित प्रधान कार्यालय, चाईबासा, हजारीबाग और गिरिडीह के क्षेत्रीय कार्यालयों सहित सभी शाखाएं बंद रही। हड़ताल की वजह से करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन ने किया था। इसके तहत देशभर में 56 ग्रामीण बैंक के 15 हजार से अधिक शाखाओं के 75 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

ये है मांगें

11 सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण बैंकों में हड़ताल बुलाई गई थी। इसके तहत ग्रामीण बैंक के निजीकरण पर रोक, अनुकंपा के आधार पर नौकरी की स्कीम बहाली, ग्रामीण बैंक में पेंशन सुविधा, बैंकों में 10वें वेतन समझौता को लागू करने, एस के मित्रा कमेटी की सिफारिशों को खारिज करने, आउटसोर्सिग पर रोक लगाने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थी। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान भी अपनी मांगों के समर्थन में दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है।