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PATNA : ट्रैफिक सिग्नल पर या ड्राइव करते समय कोई आपकी कार के टायर या बोनट की तरफ इशारा करे तो सावधान हो जाएं. जो शख्स आपकी कार पंचर होने या तेल लीक होने का इशारा देकर हितैषी बन रहा है वह आपके लिए घातक साबित हो सकता है. पटना में बुधवार को एक फर्नीचर फैक्ट्री के मालिक को चकमा देकर शातिरों ने 3 लाख 20 हजार रुपए पर हाथ साफ कर दिए. छोटी पहाड़ी मोड़ के पास हुई वारदात में बाइपास थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

खुद गिरा देते हैं तेल

जानकारी के अनुसार संजय सिंह की दीदारगंज में लिंक फर्नीचर नाम की फैक्ट्री है. व्यवसायी ने बताया कि वे बुधवार की दोपहर करीब दो बजे कदमकुआं स्थित अपने घर से कार में फैक्ट्री जा रहे थे. लेबर पेमेंट के लिए उनके पास बैग में 3 लाख 20 हजार रुपए था. जैसे ही वे छोटी पहाड़ी मोड़ पहुंचे कि पीछे से बाइक पर दो लोग आए और बोले कि गाड़ी से मोबिल गिर रहा है. उनको विश्वास में लेने के लिए दो और लोग आए और गाड़ी से तेल गिरने की बात कहने लगे.इस पर वे अपना पैसों से भरा बैग छोड़कर ड्राइवर के साथ कार के बाहर आ गए. जब नीचे देखा तो मोबिल गाड़ी से नहीं गिर रहा था बल्कि किसी ने फेंक दिया था. इस बीच कार की पीछे वाली सीट पर रखा रुपयों से भरा बैग लेकर शातिर चंपत हो गए. बदहवास संजय ने इधर-उधर बैग खोजना चाहा पर देर हो चुकी थी. बैग में तीन लाख बीस हजार रुपये के साथ कुछ जरूरी कागजात थे.

पहले भी हो चुकी है घटना

टायर बदलवाने या तेल लीक की जांच के दौरान कार में रखा लाखों का कैश, ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान चोरी होने की तमाम वारदात पहले भी

पटना में हो चुकी है. गैंग के लोग इस काम को काफी चालाकी से अंजाम देते हैं. सभी सदस्य टारगेट के आसपास ही होते हैं. एक तय दूरी पर बाइक

लेकर खड़े होते हैं. देर रात गाड़ी रूकवाने के लिए शीशे पर अंडे तक फेंक देते हैं.

गुलेल, कंचे और टायर किलर हैं हथियार

आमतौर पर ठकठक गैंग के सदस्य कोई घातक हथियार लेकर नहीं चलते हैं. वह अपने काम की चीजें लेकर चलते हैं. जैसे शीशे तोड़ने के लिए गुलेल व कंचे. टायर पंचर करने के लिए सुआ नुमा टायर किलर इनके पास होते हैं. टायर किलर इतना शॉर्प होता है कि उससे टायर और ट्यूब में इतना मामूली सुराख होता है कि हवा फौरन नहीं निकलती, ताकि शिकार को शक न हो. आमतौर पर टायर किलर का इस्तेमाल रेड लाइट पर करते हैं, जिससे कि आगे चलकर शिकार रुकने पर मजबूर हो जाए.