- सेनारी नरसंहार का 17 साल बाद जिला अदालत ने दिया फैसला

PATNA/JEHANABAD : यह भगवान बुद्ध की धरती है। यहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। उसी धरती पर एक जाति विशेष के फ्ब् लोगों की नृशंस हत्या हुई। यह विशेष टिप्पणी सेनारी नरसंहार के फैसले में जहानाबाद व्यवहार न्यायालय ने लिखा है। गुरुवार को सेनारी नरसंहार में क्7 साल बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रंजीत कुमार सिंह ने फैसला सुनाया।

क्भ् अभियुक्त दोषी पाए गए जबकि सबूत के अभाव में ख्फ् लोग रिहा कर दिए गए। सजा पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने क्भ् नवंबर की तिथि निर्धारित की है। नरसंहार में फ्ब् लोग मारे गए थे, छह घायल हुए थे। फैसले के दौरान कोर्ट खचाखच भरा था। फ्8 अभियुक्तों में फ्भ् हाजिर हुए। अभियुक्त व्यास यादव, गनौरी मांझी और दुखन मांझी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। सौ से अधिक पन्नों में कोर्ट ने धारा क्ब्8,फ्0ख्/क्ब्9, फ्07/क्ब्9 भादवि और फ्/ब् विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियुक्तों को दोषी पाया है।

अपने पति और एकलौते पुत्र खो चुकी ¨चतामणि देवी के बयान पर क्भ् नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ कांड की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि सुनवाई के दौरान सूचक चिंतामणि देवी की मौत हो गई। वह गवाही भी नहीं दे सकी। बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता किशोरी लाल सिंह, महेन्द्र प्रसाद तथा अपर लोक अभियोजक विजेन्द्र कुमार सिंह मौजूद थे।

दोषी करार

बचेश सिंह, मुंगेश्वर यादव, बुधन यादव, बुटाई यादव, सत्येन्द्र दास, ललन पासी, गोपाल साव, द्वारिका पासवान, करीमन पासवान, गोड़ाई पासवान, उमा पासवान, विनय पासवान, अर¨बद कुमार, व्यास यादव, गनौरी मांझी।

क्या था मामला

क्8 मार्च क्999 की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी (माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर)के हथियारबंद दस्ते ने सेनारी गांव को घेर लिया था। अभियुक्तों ने गांव के जाति विशेष के कुछ लोगों की उत्तर ठाकुरबाड़ी के समीप एक खेत में ले जाकर तथा कुछ की गांव के पूरब गली में गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस नरसंहार में कुल फ्ब् लोग मारे गए और छह लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हो गए थे।

गांव में ही हुआ था पोस्टमार्टम

नरसंहार को लेकर गांव में तनाव व्याप्त था। पीडि़तों के आक्रोश के कारण राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था। केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नाडीस, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के गांव में पहुंचने के बाद शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था। फ्ब् में ख्ब् शवों का उस स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया था, जहां हत्या की गई थी।

88 पर हुई थी चार्जशीट

पुलिस के अनुसंधान पूरा होने के उपरांत 88 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था, इनमें से फ्ख् अभियुक्त फरार थे। सुनवाई के दौरान क्ब् और अभियुक्त फरार हो गए तथा दो लोगों की इस दौरान मौत हो गई थी। न्यायालय द्वारा ब्भ् अभियुक्तों के विरुद्ध आरोपों का गठन किया गया था, लेकिन सुनवाई फ्8 अभियुक्तों के विरुद्ध हो सकी।