Allahabad : द बर्निंग कार आखिर वह कैसे बन गई? यह ड्राइवर भी नहीं समझ पाया. वह तो अच्छी खासी कार को सर्विसिंग कराने के लिए लेकर जा रहा था. कार के भीतर कोई शार्ट सर्किट हुआ या फिर कोई चिंगारी फ्यूल टैंक तक पहुंच गई? यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. लेकिन, ठीक पीक ऑवर में यह घटना देखने और सुनने वाला कर कोई हैरत में था. ट्रैफिक तो पूरी तरह से सहम गया. वाहन इस द बर्निंग कार के पास से भी गुजरने से कतरा रहे थे कि कहीं लपटें उन्हें भी अपनी गिरफ्त में न ले लें. नतीजा फाफामऊ तक गाडिय़ों की लाइन लग गई. गनीमत यही थी कि गाड़ी को छोड़कर किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ.
सर्विसिंग कराने आ रहा था
बिजनेसमैन वकील अहमद प्रतापगढ़ डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले हैं. मंडे को उनका ड्राइवर आसिफ इंडिका सीएस को लेकर शहर आ रहा था. उसे गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी. गाड़ी गोविन्दपुर मोड़ के पास पहुंची तो चालक को कुछ स्मेल सी आती प्रतीत हुई. हल्की बारिश के दौरान उसने कार में चारों तरफ नजरें दौड़ाई तो सन्नाटे में आ गया. कार से धुआं उठ रहा था. वह समझने की कोशिश ही कर रहा था कि गाड़ी से आग की लपटें उठनी शुरू हो गईं.
साइड लगाकर निकल गया
दोपहर के 11 बज चुके थे. फाफामऊ साइड से सिटी में इंट्री का यही एक मात्र रास्ता और मंडे होने की वजह से रोड पर ट्रैफिक भी ज्यादा था. ड्राइवर ने खुद और पब्लिक को सिक्योर करने की नीयत से रिस्क लेकर गाड़ी को साइड में लगाया और सभी दरवाजे खोल दिए ताकि गाड़ी ब्लास्ट न करे. आग की लपटें फ्यूल टैंक तक पहुंच चुकी थीं इससे बारिश की बूंदें भी लगातार बढ़ते लपटों के दायरे को रोक पाने में नाकाम रहीं. गाड़ी में आग देखकर दोनों तरफ से ट्रैफिक आलमोस्ट रुक गया. सिर्फ दो पहिया वाहन ही चल रहे थे. आसपास रहने वालों के साथ ही राहगीर भी तमाशबीन बने रहे.
कार पूरी जलने के बाद बुझी आग
स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी तो फायर ब्रिगेड को मौके पर भेजा गया. फायर ब्रिगेड का काम जब तक फिनिश होता पूरी गाड़ी खाक हो चुकी थी. इसका नतीजा यह हुआ कि दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे तक ट्रैफिक बुरी तरह से इफेक्टेड रहा.
14 मई को ट्रक में ऐसे ही लगी थी आग
कुछ इसी अंदाज में घटना 14 मई को नैनी पुल पर भी हुई थी. खाद्यान्न से लदे एक ट्रक में चलते-चलते आग लग गई. ट्रक में आग लगने के बाद खाद्यान्न को बचाने के लिए श्रमिकों ने जान दांव पर लगा दिया. खुदा का शुक्र था कि इस घटना में भी किसी को काई नुकसान नहीं हुआ था. कुछ इसी प्रकार का हादसा पिछले दिनों पानी टंकी के पास हुआ था. इस बार खड़े-खड़े जलने वाली वैन थी. संयोग से घटना के वक्त गाड़ी में कोई मौजूद नहीं था. कुछ दिनों पहले एक कार एनसीआर ऑफिस के समीप भी दिन में ही आग की लपटों से घिर गई थी. संयोग से इसमें भी कोई हताहत नहीं हुआ था.
हमारी टीम पहुंची थी. अब तक जांच में यही लग रहा है कि शार्ट सर्किट के कारण ही आग लगी थी. डीजल वाली गाड़ी है. कुछ गड़बड़ हुई होगी. फायर बिग्रेड टीम वहां पहुंच कर आग को कंट्रोल कर ली.
सतीश चन्द्र
चीफ फायर ऑफिसर
सर्विसिंग कराने आ रहा था
बिजनेसमैन वकील अहमद प्रतापगढ़ डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले हैं. मंडे को उनका ड्राइवर आसिफ इंडिका सीएस को लेकर शहर आ रहा था. उसे गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी. गाड़ी गोविन्दपुर मोड़ के पास पहुंची तो चालक को कुछ स्मेल सी आती प्रतीत हुई. हल्की बारिश के दौरान उसने कार में चारों तरफ नजरें दौड़ाई तो सन्नाटे में आ गया. कार से धुआं उठ रहा था. वह समझने की कोशिश ही कर रहा था कि गाड़ी से आग की लपटें उठनी शुरू हो गईं.
साइड लगाकर निकल गया
दोपहर के 11 बज चुके थे. फाफामऊ साइड से सिटी में इंट्री का यही एक मात्र रास्ता और मंडे होने की वजह से रोड पर ट्रैफिक भी ज्यादा था. ड्राइवर ने खुद और पब्लिक को सिक्योर करने की नीयत से रिस्क लेकर गाड़ी को साइड में लगाया और सभी दरवाजे खोल दिए ताकि गाड़ी ब्लास्ट न करे. आग की लपटें फ्यूल टैंक तक पहुंच चुकी थीं इससे बारिश की बूंदें भी लगातार बढ़ते लपटों के दायरे को रोक पाने में नाकाम रहीं. गाड़ी में आग देखकर दोनों तरफ से ट्रैफिक आलमोस्ट रुक गया. सिर्फ दो पहिया वाहन ही चल रहे थे. आसपास रहने वालों के साथ ही राहगीर भी तमाशबीन बने रहे.
कार पूरी जलने के बाद बुझी आग
स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी तो फायर ब्रिगेड को मौके पर भेजा गया. फायर ब्रिगेड का काम जब तक फिनिश होता पूरी गाड़ी खाक हो चुकी थी. इसका नतीजा यह हुआ कि दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे तक ट्रैफिक बुरी तरह से इफेक्टेड रहा.
14 मई को ट्रक में ऐसे ही लगी थी आग
कुछ इसी अंदाज में घटना 14 मई को नैनी पुल पर भी हुई थी. खाद्यान्न से लदे एक ट्रक में चलते-चलते आग लग गई. ट्रक में आग लगने के बाद खाद्यान्न को बचाने के लिए श्रमिकों ने जान दांव पर लगा दिया. खुदा का शुक्र था कि इस घटना में भी किसी को काई नुकसान नहीं हुआ था. कुछ इसी प्रकार का हादसा पिछले दिनों पानी टंकी के पास हुआ था. इस बार खड़े-खड़े जलने वाली वैन थी. संयोग से घटना के वक्त गाड़ी में कोई मौजूद नहीं था. कुछ दिनों पहले एक कार एनसीआर ऑफिस के समीप भी दिन में ही आग की लपटों से घिर गई थी. संयोग से इसमें भी कोई हताहत नहीं हुआ था.
हमारी टीम पहुंची थी. अब तक जांच में यही लग रहा है कि शार्ट सर्किट के कारण ही आग लगी थी. डीजल वाली गाड़ी है. कुछ गड़बड़ हुई होगी. फायर बिग्रेड टीम वहां पहुंच कर आग को कंट्रोल कर ली.
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