हालांकि लव और हेट एक-दूसरे के एकदम अपोजिट माने जाते हैं, पर लव और हेट्रेड की फीलिंग के पीछे एक ही नर्वस सर्किट्स होते हैं. ये दावा किया है रीसेंटली हुई एक स्टडी ने.

ब्रेन स्कैनर के यूज से की गई स्टडी से यह पता चला कि जब कोई किसी ऐसे इंसान की फोटो देखता है जिससे वह नफरत करता है तब ‘हेट-सर्किट’ नाम के न्यूरल सर्किट्स उसके दिमाग में एक्टिव हो जाते हैं.

रोमांटिक फीलिंग्स के समय यही न्यूरल सर्किट्स ‘लव-सर्किट’ में कंवर्ट हो जाते हैं. स्टडी में इंवॉल्व बायोलॉजिस्ट की मानें तो हेट एक ऐसा पैशन है जो लव के पैशन जितना ही स्ट्रांग और पॉवरफुल होता है.

Biological fact

स्टडी को बायोलॉजिकली एनेलाइज करें तो ब्रेन के सब-कॉर्टेक्स रीजन में ‘प्यूटामेन’ और ‘इंसुला’ नाम के दो पाट्र्स होते हैं जिन्हें ‘हेट सर्किट’ के नाम से जाना जाता है. यह दोनों पाट्र्स हेट्रेड, डिप्रेस्ड और सैड फीलिंग के समय एक्टिवेट हो जाते हैं. इंट्रेस्टिंगली यही दोनों पाट्र्स रोमांटिक लव के समय भी एक्टिवेट हो जाते हैं.

The only difference between love and hate

साइकियाट्रिस्ट डॉक्टर आलोक बाजपेयी बताते हैं कि लव और हेट के बीच फर्क सिर्फ इतना है कि जब हम किसी से प्यार करते हैं तो बॉडी में हुए कैमिकल चेंजेस हमारी सोच पर इतना गहरा असर डाल देते हैं कि हम चाहकर भी अपने लवर की बुराई नहीं जज कर पाते, यह कैमिकल चेंजेस दो-तीन साल के बाद अपनी नॉर्मल स्टेज में पहुंच जाते हैं और हमें उसी पर्सन की छोटी सी छोटी सी गलती भी खटकने लगती है.

स्टडी से भी यह पता चला कि रोमांटिक फीलिंग के समय हमारे ब्रेन का मेजर हिस्सा जो जजमेंट और रीजनिंग से असोसिएटेड है, डी-एक्टिवेट हो जाता हैं जबकि हेट्रेड के समय ब्रेन का ये हिस्सा बहुत कम ही डी-एक्टिवेट हो पाता है.

Our most intense emotions love & hate have biological connection & two are intimately linked to the brain.