कानपुर। 2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं भूलने वाला है। यह वो दिन था, जब टीम इंडिया दूसरी बार विश्व चैंपियन बनी। 1983 में कपिल देव के वर्ल्डकप जीतने के बाद भारत को अगली विश्व कप ट्रॉफी के लिए 28 साल इंतजार करना पड़ा। खैर 2011 में वो दिन आया जब धोनी ने विनिंग सिक्स लगाकर करोड़ों भारतीय फैंस को झूमने पर मजबूर कर दिया। सचिन का वर्ल्डकप जीतने का सपना पूरा हुआ और भारत के खाते में दो विश्वकप आ गए।

रैना ने किया ट्वीट

भारत की वर्ल्डकप विनिंग टीम का हिस्सा रहे सुरेश रैना ने उस लम्हे को फिर से याद किया। रैना ने ट्विटर पर विश्वकप ट्रॉफी के साथ तस्वीर वाली पोस्ट के साथ लिखा, 'समय गुजर जाता है मगर यादें रह जाती हैं। वो दिन जब वर्ल्डकप हाथ में उठाया, आज भी याद आता है। यह कभी नहीं भूलने वाला क्षण था। मैं क्रिकेट इतिहास के इस यादगार पल का हिस्सा रहा, इस पर काफी खुशी हो रही।' बता दें रैना भारत की विजेता टीम का हिस्सा थे, हालांकि खिताबी मुकाबले में उनकी बैटिंग नहीं आई थी।

गंभीर ने ताजा की यादें

रैना के अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा सांसद गौतम गंभीर ने भी पुरानी यादों को ताजा किया। गंभीर की वर्ल्डकप जीत में अहम भूमिका थी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने फाइनल मैच में भारत को शुरुआती झटकों से उबारा था। सहवाग और सचिन के सस्ते में आउट हो जाने के बाद गंभीर एक छोर पर टिके रहे। हालांकि वह तीन रन से शतक से चूक गए मगर आउट होने से पहले टीम की जीत की नींव रख गए थे। आज जब इस विश्वकप जीत को 9 साल हो गए तो गंभीर ने ट्विटर पर जीत को सेलीब्रेट किया।

6 विकेट से जीता था भारत

2011 वर्ल्डकप फाइनल मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत बनाम श्रीलंका के बीच खेला गया था। इस मुकाबले में श्रीलंका ने पहले खेलते हुए महेला जयवर्द्घने के शानदार शतक की बदौलत 6 विकेट पर 274 रन बनाए। जवाब में भारत ने गौतम गंभीर (97) और एमएस धोनी (नाबाद 91) की पारी की बदौलत 6 विकेट से जीत हासिल की और वर्ल्डकप अपने नाम किया।

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