प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयाग स्टेशन के समीप ट्रेन रोक कर उपद्रव करने के मामले में बुधवार को दो नामजद आरोपितों मुकेश यादव और प्रदीप यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था. मामले के मुख्य आरोपित युवा मंच के कोऑर्डिनेटर राजेश सचान को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बता दें कि कर्नलगंज थाने में इस मामले में दो लोगों को नामजद करते हुए करीब एक हजार अज्ञात के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. बुधवार की रात सलोरी एरिया की उन गलियों जहां लॉज हैं और बड़ी संख्या में छात्र रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार खुद भारी भरकम पुलिस बल के साथ घूमे. ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए उन्होंने छात्रों से अपील किया है वह किसी के बहकावे में आकर कोई गलत कदम न उठाएं. नहीं तो उनका कॅरियर से चौपट हो सकता है. इससे पहले बुधवार को दिन में पुलिस लाइंस में उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत की. इसमें उनका कहना था कि कुछ पार्टियां अपने फायदे के लिए छात्रों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं. उनके बहकावे में आकर छात्रों का सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसा कदम उनके कॅरियर को चौपट कर सकता है. रात में एसएसपी तकरीबन दो घंटे से अधिक समय तक पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए छात्रों के रहने वाले स्थान जैसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बघाड़ा, सलोरी, जार्जटाउन समेत अन्य इलाकों में मौजूद रह कानूनी प्रक्रिया व धाराओं के बारे में समझाते रहे. उन्होंने पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए 25 जनवरी को प्रयाग रेलवे स्टेशन पर हुई वारदात मामले में निर्दोष छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की बात कही.

अन्य की हो रही पहचान व तलाश

छात्रों का पिटाई करने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया. जिसके बाद आनन-फानन पुलिस अधिकारियों ने जांच बैठाई और फिर तोडफोड़ व पिटाई के आरोप में आरिफ, दुर्वेश कुमार और अच्छेलाल को सस्पेंड कर दिया गया. यह भी पाया गया कि चौकी इंचार्ज एनीबेसेंट दीपक चहल ने उपद्रवियों के विरुद्ध प्रिवेंटिव कार्रवाई नहीं की. सोशल मीडिया प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश भारती व दारोगा शैलेंद्र ने इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों को लेकर सच्चाई सामने रखने में तत्परता नहीं दिखायी. ऐसे में इन पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई. अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से छात्रों को उकसाया और भड़काया गया था, उसके पीछे किसी राजनीतिक दल की ओर से फीडिंग किए जाने की जानकारी मिली है. इसी आधार पर जांच के लिए टीम गठित की गई है. उधर, अब तक तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है और दूसरों की तलाश व पहचान में पुलिस जुटी हुई है.

यह है पूरा मामला

बुधवार दोपहर रेलवे की परीक्षा को लेकर तमाम छात्रों ने प्रयाग स्टेशन पर ट्रेन रोकी थी. जब पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया तो कतिपय उपद्रवी छात्रों ने पुलिस पर पथराव करते हुए आगजनी व तोडफोड़ का प्रयास किया था. पुलिस की सख्ती पर सभी अपने-अपने कमरे व डेलीगेसी में जाकर छिप गए थे. देर शाम को अचानक पुलिस उनकी तलाश में दबिश देने पहुंची और पकड़ में आए छात्रों की पिटाई करते हुए तोडफोड़ की. छात्रों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए इंटरनेट मीडिया पर वीडियो, फोटो वायरल करते हुए ट््िवटर, फेसबुक पर शेयर किया. इससे छात्रों में उबाल आ गया.

छात्रों को समझाया गया है कि किसी के बहकावे में आकर कोई गलत कदम न उठाएं. इससे उनका कॅरियर चौपट हो सकता है. उपद्रव के दौरान जो छात्र शामिल नहीं थे उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी. वहीं छात्रों पर अनावश्यक बल प्रयोग करने और लापरवाही बरतने पर एक इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर विभागीय जांच बैठाई गई है.

अजय कुमार

एसएसपी प्रयागराज