बॉबी मुर्फी:
साल 2011 में स्नैपचैट की शुरुअता के बाद सह-संस्थापक बॉबी मर्फी ने 2014 में अरबपति का दर्जा हासिल कर लिया। यह 2015 में पहली बार फोर्ब्स की विश्व अरबपतियों की सूची में 1.8 अरब डॉलर की नेट वर्थ के साथ शामिल हुए। इसके बाद आज इनकी नेट वर्थ 4.8 अरब डॉलर हो चुकी है। बॉबी मुर्फी भी तीन साल में अरबपति बने।
चेंग वेई:
अलीबाबा के एक्स एग्जक्यूटिव ने 2012 में टैक्सी एप्लिकेशन दीदी दचे की शुरुआत की। यह 2015 में पहली बार 1 बिलियन डॉलर की कमाई कर अरबपति बने। इसके बाद यह तीन सालों में काफी तेजी से बढ़ गए हैं। आज इनके इस ऐप के 400 मिलियन यूजर्स हो चुके हैं। चेंग वेई भी काफी मेहनत से तीन साल में ही अरबपति बन गए।
पियरे ओमिडीर:
ईबे के संस्थापक पियरे ओमिडीर ने 1995 में ईबे की सह-स्थापना की थी। पियरे ओमिडीर ने महज तीन साल बाद 1998 में अरबपति का दर्जा हासिल किया। 2015 तक इन्होंने कंपनी के अध्यक्ष के रूप में काम किया। इन्हें भी अरबपति बनने में तीन साल का समय ही लगा।
मार्क जुकरबर्ग:
साल 2004 में फेसबुक की शुरुआत करने वाले मार्क जुकरबर्ग पहली बार फोर्ब्स की विश्व अरबपतियों की सूची में 1.5 अरब डॉलर की नेट वर्थ के साथ 2008 में शामिल हुए थे। आज इनकी 63.3 अरब डॉलर नेट वर्थ है। मार्क जुकरबर्ग को अरबपति बनने में चार साल का समय लगा।
इवान स्पाइजेल:
स्नैपचैट सह-संस्थापक इवान स्पाइजेल ने 2011 ने सहकर्मी बॉबी मुर्फी और रेगी ब्राउन के साथ 2011 में स्नैपचैट की सह-स्थापना की थी। स्पाइजेल ने 2014 में ऐप की बदौलत 1 बिलियन डॉलर कमाई कर ली थी। इसके बाद वह 2015 में फोर्ब्स की विश्व अरबपतियों की सूची में 2.1 अरब डॉलर की नेट वर्थ के साथ शामिल हुए। इन्हें अरबपति बनने में तीन साल का समय लगा।
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