कंपनियों को होगा फायदा

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का कहना है कि अगर सरकार उसके सुझाव को मानती है तो 3जी की कीमतों में कटौती होगी. इसके अलावा सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को फायदा होगा. ट्राई ने कहा है कि फरवरी में होने वाली 800, 900 और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी के साथ ही 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी भी कराई जानी चाहिए. इस बीच ट्राई ने 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम से करीब 14 फीसदी कम रखा है और यह 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम से भी कम है, लेकिन 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड से कही ज्यादा है. ट्राई ने सिफारिश की है कि दूरसंचार विभाग को नीलामी के लिए और 15 मैगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम पेश करना चाहिए. ट्राई के मुताबिक दूरसंचार विभाग को रक्षा विभाग के साथ अदला-बदली के जरिए स्पेक्ट्रम मिलने वाला है.

ट्राई ने पहले भी की सिफारिश

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने इससे पहले 1800 मैगाहट्रर्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य 2,138 करोड़ रुपए प्रति मैगाहट्ïर्ज (20 सर्किल में) रखने का भी सुझाव दिया था. इसी प्रकार देश के 18 उन दूरसंचार सर्किलों में 900 मैगाहट्ïर्ज स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य 3,004 करोड़ रुपए रखने की सिफारिश की थी. साथ ही दूरसंचार नियामक ने देश भर में 800 मेगाहट्ïर्ज स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य 3,104 करोड़ रुपए प्रति मैगाहट्ïर्ज रखने की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि फरवरी 2012 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में जो 122 लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद एसटेल ने अपना परिचालन बंद कर दिया था.

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