सैन फ्रांसिस्को (आईएएनएस) ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पोस्ट किए गए विवादित वीडियो को हटाने से इनकार कर दिया है, जो यह सुझाव देते हैं कि मरीजों के शरीर में अल्ट्रावॉयलेट लाइट इरेडिएट करके इस जानलेवा वायरस को खत्‍म किया जा सकता है। हालांकि, ट्विटर ने कीटाणुनाशक इंजेक्शन लगाने से जुड़े हैशटैग ट्रेंड को रोक दिया है। कंपनी ने ट्वीट किया, 'अगर #COVID19 के बारे में ट्वीट्स या ट्रेंड संभावित रूप से किसी को नुकसान पहुंचा सकता है, तो उन्हें हटा दिया जाएगा। हमें हर उस ट्वीट को हटाने की आवश्यकता नहीं है जिसमें कोरोना के बारे में अधूरी या विवादित जानकारी निकाली जाए। एक ओपन सर्विस के रूप में, यह स्केलेबल नहीं है और ये एक्टिव डिस्कशन को सीमित करता है।'

व्यंग्य जैसी ट्वीट को नहीं कर सकते डिलीट

कंपनी ने अपने पोस्ट में आगे कहा, 'ऐसे ट्वीट्स, जो व्यंग्य या आम तौर पर कोरोना से जुड़ी समय-समय पर रिपोर्ट और डिस्कशन का हिस्सा होते हैं, वह हमारी नियमों को नहीं तोड़ते हैं। कोरोना पर चर्चा करने के लिए पहले से अधिक लोग ट्विटर पर आ रहे हैं। हम उन्हें विश्वसनीय जानकारी ढूंढने में मदद करने और उन ट्वीट्स की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिन्हें हटाने से नुकसान हो सकता है। बता दें कि शुक्रवार को एक रिसर्च में दावा किया गया कि कोरोना वायरस को दो मिनट में सूरज की रौशनी से खत्म किया जा सकता है। इसके बाद ट्रम्प ने सुझाव दिया कि शरीर के अंदर शक्तिशाली प्रकाश लाओ। वहीं, अमेरिकी गृह विभाग में विज्ञान व प्रौद्योगिकी निदेशालय के प्रमुख बिल ब्रायन ने कहा, 'ब्लीच वायरस को पांच मिनट में मार देगा और इसोप्रोपाइल अल्कोहल 30 सेकंड में वायरस को खत्म करेगा। इसमें किसी को कोई समस्या भी नहीं होगी।'

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