RANCHI : रिम्स में इलाजरत एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत बुधवार को हो गई। उन्हें कांप्लीकेटेड सेरेब्रल मलेरिया हुआ था। वहीं, इसी जानलेवा बीमारी से पीडि़त पांच बच्चों का इलाज अभी भी पेडियाट्रिक वार्ड में चल रहा है। ये बच्चे तमाड़, नगड़ी, हजारीबाग, बरियातू से इलाज कराने रिम्स आए हुए हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मच्छर के काटने से होने वाली जानलेवा बीमारी सेरेब्रल मलेरिया राज्य भर में पांव फैला रही है। यदि सतर्कता नहीं बरती गई, तो इसके प्रकोप से बचना बड़ी चुनौती होगी।

बच्चों को ज्यादा खतरा

सेरेब्रल मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों में होता है। यह मच्छरों के काटने से होता है। ऐसे में लोगों को मच्छरों से खुद का बचाव करना चाहिए। चूंकि सेरेब्रल मलेरिया के लक्षण भी साधारण मलेरिया से काफी मिलते हैं। ऐसे में लोगों को थोड़ा भी शक होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ताकि बीमारी का तुरंत इलाज शुरू किया जा सके।

क्या हैं लक्षण

बच्चे को बुखार हो जाता है, जो कम होने का नाम नहीं लेता।

बच्चा बार-बार बेहोश होने लगता है।

क्या हो सकता है नुकसान

सेरेब्रल मलेरिया से पीडि़त बच्चे की जान का खतरा रहता है।

बच्चे की किडनी, लीवर व ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है, ये फेल भी हो सकते हैं

पेशेंट को जांडिस होने की आशंका बढ़ जाती है।

ऐसे कराएं जांच

डॉक्टर्स से दिखाने के बाद किट से सेरेब्रल मलेरिया की जांच कराना ज्यादा बेहतर होता है।

इसकी रिपोर्ट तत्काल मिल जाती है और मरीज का तुरंत इलाज शुरू हो जाता है।

लैब में जांच कराने पर अक्सर पता नहीं चल पाता कि मरीज को मलेरिया है भी, या नहीं।