दो अनाम चोटियों का नामकरण होगा

न्यूजीलैंड के पर्वतारोही हिलेरी और उनके नेपाली गाइड तेनजिंग ने एक ब्रिटिश अभियान के तहत सबसे पहले 29 मई 1953 को 8850 मीटर ऊंची एवरेस्ट की चोटी पर चढऩे में सफलता पाई थी जिसके बाद नेपाल साहसिक पर्यटन के नक्शे पर दुनिया के सामने आया. नेपाल पर्वतारोहण एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अंग शेरिंग शेरपा ने बताया कि एक सरकारी पैनल ने दो अनाम चोटियों का नाम हिलेरी एवं तेनजिंग रखने की सिफारिश की है. यह नेपाल में पर्वतारोहण को लेकर उनके योगदान का सम्मान होगा.

चोटियां ज्यादा से ज्यादा पर्वतारोहियों को करेंगी आकर्षित

पैनल की अध्यक्षता करने वाले शेरपा ने बताया कि इन दोनों चोटियों की ऊंचाई क्रमश: 7681 मीटर और 7916 मीटर है जिस पर अब तक चढ़ा नहीं जा सका है और संभव है इसे वसंत के मौसम में मार्च में विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए. अधिकारियों को उम्मीद है कि ये चोटियां ज्यादा से ज्यादा पर्वतारोहियों को अपनी ओर आकर्षित करेंगी और इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से आठ नेपाल में ही हैं. यहां 1300 से ज्यादा चोटियां हैं जिनमें से अब तक मात्र 326 ही पर्यटकों के लिए खोली जा सकी हैं. मालूम हो कि नेपाल की अर्थव्यस्था में चार फीसद योगदान पर्यटन उद्योग का है और इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है.

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