ब्रिटेन में शुरू हो गई पू-बस

ब्रिटेन की पहली पू-बस ने बाथ और ब्रिस्टल के बीच अपनी पहली यात्रा तय की. इस बस के बारे में सबसे ज्यादा सरप्राइजिंग फैक्ट यह है कि 40 सीटों वाली यह बस सामान्य ईधन से नही चलती है. बल्कि यह बस इंसानी मल से प्राप्त बायोमीथेन गेस से चलती है. गौरतलब है कि एक बार टैंक भरने के बाद यह बस 186 मील की यात्रा तय कर सकती है.

बदल सकती है ब्रिटेन की हवा

इस बस से जुड़े इंजीनियरों को मानना है कि मानवीय मल और बचे हुए खाने से चलने वाली बस ब्रिटेन की हवा बदल सकती है. गौरतलब है कि ब्रिटेन में प्रदुषण की मात्रा काफी ज्यादा है. इसलिए इस बस के प्रयोग से ब्रिटेन में पॉल्यूशन कम हो सकता है. दरअसल इस बस में यूज होने वाली बायोमीथेन गैस ब्रिस्टल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में तैयार की जा रही है. इसके साथ ही बायोमीथेन गैस से होने वाला ईमिशन डीजल इंजन की अपेक्षा काफी कम है. इसके साथ ही बायोमीथेन गैस नवीनीकृत और सस्टेनेबल ईधन के गुणों से भरपूर है.

चौंके नहीं! ब्रिटेन में मानव मल से चलती हैं पू-बसें

घरों में यूज हो सकती है बायोमीथेन गैस

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चलाने वाली कंपनी जेनईको के जीएम मोहम्मद सादिक ने कहा कि मानव मल और बेकार खाने के सामान से हमारा प्लांट इतनी बायोमीथेन गैस बना सकता है जिससे 8500 घरों को गैस प्रोवाइड की जा सके. गौरतलब है कि कंपनी ने ब्रिटेन के नेशनल गैस ग्रिड नेटवर्क में गैस प्रोवाइड कराई है. जेनईको ऐसा करने वाली पहली कंपनी बनी है. उल्लेखनीय है कि यह प्लांट प्रतिवर्ष 17m क्युबिक मीटर्स बायोमीथेन गैस बना रही है. इतनी बड़ी मात्रा में उपलब्ध गैस से 8300 घरों में पारंपरिक गैस को रिप्लेस किया जा सकता है.

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